नई दिल्ली। Nityanand Rai on MHA official sacked from government services केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि गृह मंत्रालय ने बीते 5 सालों में एक हजार से भी अधिक सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये सभी कर्मचारी गृह मंत्रालय में कार्यरत थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी बर्खास्त कर्मचारियों को सार्वजनिक हित में निष्ठा और अक्षमता के आधार पर सेवा से बर्खास्त किया गए हैं।
नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा,'पिछले पांच वर्षों के दौरान मंत्रालय से 1 हजार 83 अधिकारियों को संगठनों सहित सरकारी अनुशासनात्मक नियमों के तहत बर्खास्त किया गया है।'
गृह राज्यमंत्री जवाब देते हुए कहा कि मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे), केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 48 और नियम 16 (3) (संशोधित) अखिल भारतीय सेवाओं (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) के प्रावधान [ एआईएस ( डीसीआरबी)] नियम, 1958 सार्वजनिक हित में सत्यनिष्ठा की कमी और अप्रभावीता के आधार पर, सभी स्तरों पर सरकारी सेवकों की समयपूर्व सेवानिवृत्ति के लिए समय-समय पर समीक्षा की प्रक्रिया को पूरा करता है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा,' लागू अनुशासनात्मक नियमों में प्रावधानों के अनुसार, सरकारी सेवा से बर्खास्तगी सहित किसी भी दंड को लागू करने से पहले सरकारी सेवकों को रक्षा के पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते हैं।'
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई बार सार्वजिक मंचों से इस बात का जिक्र किया है कि जो भी अधिकारी ठीक से काम नहीं करेगा सरकार उस पर नकेल कसने में कोई कमी नहीं करेगी। पीएम ने कहा था कि अधिकारी सभी वहीं पर केंद्र में बीजेपी सरकार आने पर काम करने का तरीका बदल गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ये भी कहते आए है कि उनकी सरकार सभी कामों में पारदर्शिता लाने का प्रयास कर रही है और भ्रष्टाचार के प्रति लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले भी कई अन्य सरकारी सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त किया था।
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