भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं और राज्य सरकार कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए तमाम एहतियात बरत रही है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हालात को काबू में करने के लिए तमाम कदम उठाए हैं जिनका फायदा भी मिल रहा है।
शपथ लेते ही शुरू किया काम
टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर (पॉलिटिक्स) नविका कुमार से बात करते हुए शिवराज सिंह ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ' जब मैंने शपथ ली थी तो उस समय हालात बिगड़ चुके थे। 9 बजे मैंने शपथ ली और 10 बजे मैं सचिवालय में बैठक ले रहा था क्योंकि सोचने का समय नहीं था। तब तक मध्य प्रदेश में कोरोना फैल चुका था। भोपाल, जबलपुर, इंदौर में कोरोना फैल चुका था और उस समय एक ही धुन थी कि व्यवस्था बनाई जाए क्योंकि तत्कालीन सरकार ने कोई व्यवस्थाएं बनाई नहीं थी। उस समय तक कोई बैठक हुई नहीं थी, कोई सिस्टम बना नहीं था, सैंपल लेने की कोई व्यवस्था थी नहीं इसलिए पूरा ध्यान हमने पूरा ध्यान प्रारंभिक दिनों में कोरोना पर लगाया।'
सिधिंया का अपना प्रभाव
एक सवाल का जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने कहा, 'कांग्रेस की सरकार उन्ही के साथियों ने गिराई। ज्योतिरादित्य सिंधिया जिनका अपना व्यक्तित्व है और जिनका अपना प्रभाव और असर है उन्हें अपमानित किया गया। कांग्रेस के शासन के दौरान पूरा मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था और चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई थी। जो वचन दिए थे वो पूरे नहीं किए जा रहे थे और जब उन्हें पूरा करने की बात ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही तो उनसे कहा गया कि निपट लेंगे। गिराने का कोई दोषी है तो वो कांग्रेस है। कमलनाथ खुद कह चुके हैं कि दिग्विजिय सिंह ने धोखे में रखा। सरकार गिर गई तो भाजपा को बनानी थी इसलिए हमने बनाई।'
अब सिंधिया एक राह के राही
ज्योतिरादित्य सिंधिया से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए शिवराज ने कहा, 'कांग्रेस में थे तो हम कार्यों और नीतियों की आलोचना करते हैं। जब वो कांग्रेस में नहीं हैं तो बीजेपी में शामिल हुए तो हमने उनका स्वागत किया। उनके प्रभाव का हम लाभ उठाएंगे, वो बहुत प्यारी शख्सियत हैं और अच्छे राजनेता हैं। राजमाता सिंधिया भारतीय जनसंघ को पुष्पित करने वाली राजनेता थीं। देश और एमपी में बीजेपी को स्थापित करने में राजमाता का महत्वपूर्ण योगदान था। अब वो बीजेपी में शामिल हुए हैं तो हम मिलकर कार्य करेंगे। अब एक राह के राही हैं प्रदेश के विकास के लिए कार्य करेंगे।'
कमलनाथ सरकार ने नहीं दिया कोरोना पर ध्यान
शिवराज से जब सवाल किया गया कि इस समय देश में कोरोना के मामलों में मध्य प्रदेश का चौथा नंबर आता है, मध्य प्रदेश की मृत्य दर देश की दर से अधिक है तो इसका जवाब देते हुए शिवराज ने कहा, 'कोरोना फैलता गया और चिंता नहीं की गई। इंदौर में अलग तरह की बस्तियां है वहां कोरोना फैलता गया। लेकिन तत्कालीन सरकार आईफा के आयोजन में व्यस्त रही। कई मौतें तो ऐसी हुईं कि अस्पताल में भर्ती हुए और थोड़ी देर बार मौत हो गई। अधिकांश मौते ऐसी हुई उस समय कि भर्ती होने के तीन दिन के अंदर मौतें हो गई। शुरूआत में लापरवाही हुई, कोई व्यवस्था नहीं थी। कोविड का कोई समर्पित अस्पताल नहीं थी, तब टेस्टिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी और उस दौरान मध्य प्रदेश में महज एक लैब थी जिसमें केवल 60 टेस्ट होते थे। आज हमने 16 लैब स्थापित की हैं और 2600 टेस्ट हो रहे हैं हर रोज। हमें सैंपल प्रदेश से बाहर भेजने पड़े क्योंकि यहां कोई व्यवस्था नहीं थी।'
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