मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना के बीच गठबंधन है। बीजेपी 150 तो शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महाराष्ट्र की राजनीति में दोनों का गठबंधन बहुत पुराना है। आज बीजेपी से कम सीटों पर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना एक समय महाराष्ट्र में बीजेपी की बड़ा भाई हुआ करती थी। लेकिन 2014 की बाद हालात इस तरह बदले की अब शिवसेना छोटा और बीजेपी महाराष्ट्र में भी बड़ा भाई है।
2014 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद गठबंधन टूट गया। दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। शिवसेना जहां 288 में से 282 सीटों पर चुनाव लड़ी, वहीं बीजेपी 260 सीटों पर चुनाव लड़ी। ज्यादा सीटों पर लड़ने के बाद भी शिवसेना को सिर्फ 63 सीटें मिलीं और बीजेपी 122 सीटें जीतने में कामयाब रही। हालांकि बीजेपी के पास बहुमत नहीं था, लेकिन उसने सरकार बनाई और मुख्यमंत्री भी अपना बनाया। बाद में शिवसेना भी सरकार में शामिल हो गई।
2014 से शिवसेना केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी के साथ सरकार में है। इसके बावजूद वो समय-समय पर बीजेपी की खूब आलोचना भी करती रही। दोनों के बीच कड़वाहट इतनी बढ़ी की शिवसेना ने कई बार अकेले चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया। लेकिन मोदी करिश्मा से बीजेपी का जो कद 2014 के बाद लगातार बढ़ रहा है, उसके चलते शिवसेना ऐसा नहीं कर सकी।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ी, जिसमें से बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिलीं।
एक समय महाराष्ट्र में शिवसेना का बीजेपी पर इतना वर्चस्व था कि इसके संस्थापक बाल ठाकरे बीजेपी को कमलाबाई कहकर बुलाते थे। साथ ही वो कहते थे कि कमलाबाई वही करेगी जो मैं कहूंगा। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी आत्मकथा 'ऑन माई टर्म्स' में बाल ठाकरे से जुड़ा एक किस्सा लिखा है, जिसमें वो बताते हैं कि 2006 में बाल ठाकरे ने उन्हें फोन कर कहा कि सुना है कि हमारी सुप्रिया चुनाव लड़ने जा रही है और आपने मुझे इस बारे में बताया नहीं।
इस पर पवार ने कहा, 'शिवसेना और बीजेपी ने पहले ही उसके खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया है, इसलिए मैंने आपको नहीं बताया।' इस पर ठाकरे ने कहा कि मैंने सुप्रिया को तब से देखा है, जब वो मेरे घुटनों के बराबर हुआ करती थी। उसके खिलाफ कोई चुनाव नहीं लड़ेगा। इस पर पवार ने कहा कि लेकिन आपका बीजेपी के साथ गठबंधन है, उसका क्या करेंगे? तब ठाकरे ने कहा, 'कमलाबाई की चिंता मत करो, वो वही करेगी जो मैं कहूंगा।'
लेकिन ये उस दौर की बात है, जब महाराष्ट्र में शिवसेना बड़ा भाई हुआ करती थी। लेकिन अब काफी कुछ बदल चुका है, बीजेपी केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी काफी फैल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता ने बीजेपी को बहुत ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, जहां से बाकी अन्य दल काफी छोटे दिखाई पड़ते हैं।
1990 में जब दोनों दलों ने एक साथ आने का फैसला किया था तो शिवसेना ने 183 और बीजेपी ने 104 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तब शिवसेना को 52 और बीजेपी को 42 सीटें मिली थीं। इसके बाद 1995 में शिवसेना 183 और बीजेपी 105 सीटों पर चुनाव लड़ीं। शिवसेना 72 और बीजेपी 65 सीटों पर जीती। दोनों ने मिलकर सरकार बनाई।
इसके बाद 2014 में इतिहास बदल गया और बीजेपी महाराष्ट्र में भी शिवसेना का बड़ा भाई बन गई।
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