मुंबई : शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र विकास आघाडी के उम्मीदवार नाना पटोले निर्विरोध विधानसभा स्पीकर चुने गए। विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने उन्हें बधाई दी। स्पीकर के चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने उम्मीदवार किशन कथोरे का नाम वापस ले लिया था। बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि सत्ताधारी पार्टियों ने हमसे अनुरोध किया कि स्पीकर का चुनाव निर्विरोध होना चाहिए। उसके बाद पार्टी ने अपने उम्मीदवार का नाम वापस लेने का फैसला लिया। महाराष्ट्र विकास आघाडी की तरफ से कांग्रेस के नाना पटोले उम्मीदवार थे जबकि बीजेपी ने किशन कथोरे को प्रत्याशी बनाया था। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र विकास आघाडी ने शनिवार को विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया। 288 सदस्यीय विधानसभा में आघाडी के समर्थन में 169 विधायकों ने वोट किया जबकि के बीजेपी 105 विधायक वाकआउट कर गए। चार विधायक तटस्थ रहे। उद्धव ठाकरे ने पहला टेस्ट पास कर लिया।
उधर उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि विधानसभा स्पीकर पद के लिए विपक्ष (बीजेपी) ने भी फार्म भरा था, लेकिन अन्य विधायकों के अनुरोध और विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए उन्होंने नाम वापस ले लिया। अब अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होगा।
नाना पटोले विदर्भ के सकोली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। पटोले कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गए थे और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव जीता था। बाद में पटोले ने पीएम मोदी और तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ मतभेदों के बाद दिसंबर 2017 में बीजेपी पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में वापस आ गए थे।
पटोले और कथोरे, दोनों ही चौथी बार विधायक चुने गए हैं। बीजेपी उम्मीदवार किसन कथोरे 2002 में ठाणे जिला परिषद अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। वह 2004 में ठाणे जिले के अंबरनाथ से पहली बार एनसीपी के टिकट पर विधायक बने थे। वे मुरबाद सीट से 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव जीते। उन्होंने 2014 और 2019 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था।
गौर हो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में सफल हो गई। विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) दिलीप वाल्से पाटिल ने सदन को सूचित किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ध्वनिमत के बाद सदस्यों की गिनती की गई। बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिस अवैध तरीके से मंत्रियों ने शपथ ली और सदन का सत्र बुलाया गया और वॉक आउट किया। जब फ्लोर टेस्ट के लिए वोटिंग हो रही थी तब सदन में प्रोटेम स्पीकर समेत 174 विधायक मौजूद थे।
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