पत्नी गीतांजलि ने की सोनम वांगचुक से मुलाकात (ANI/PTI)
Geetanjali Angmo Meets Sonam Wangchuk: गीतांजलि आंग्मो बुधवार को अपने पति सोनम वांगचुक से जोधपुर जेल में मुलाकात की। सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लेह हिंसा के बाद से इस जेल में रखा गया है। गीतांजलि आंग्मो ने मंगलवार को वकील रीतम खरे के साथ जलवायु कार्यकर्ता से मुलाकात की और 'एक्स' पर जानकारी पोस्ट की। उन्होंने कहा कि वांगचुक की कानूनी टीम ने नजरबंदी आदेश प्राप्त कर लिया है, जिसे अदालत में चुनौती दी जाएगी।
दस्तावेज में वांगचुक के खिलाफ आरोपों और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के कारणों का जिक्र है। शनिवार को वांगचुक के भाई त्सेतन दोरजे ने भी वकील मुस्तफा हाजी के साथ जेल में उनसे मुलाकात की। मुलाकात के बाद हाजी ने 'एक्स' पर बताया कि वांगचुक ने पिछले महीने हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जाँच की मांग की है।
उन्होंने लिखा कि वांगचुक ने कहा है कि वह जांच पूरी होने तक जेल में ही रहना चाहते हैं। गीतांजलि आंग्मो ने अपने पति की रिहाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित है। वांगचुक को लद्दाख में राज्य का दर्जा और केंद्र शासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था। हिरासत के बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया, जहाँ से उन्हें 26 सितंबर को जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
सोनम वांगचुक न केवल एक शिक्षक और नवप्रवर्तक हैं बल्कि हिमालयी पर्यावरण के रक्षक के रूप में जाने जाते हैं। 2018 में उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी आइस स्तूपा जैसी नवाचार परियोजनाओं ने जलवायु परिवर्तन की समस्या पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। वे हमेशा कहते हैं कि लद्दाख का विकास तभी टिकाऊ होगा जब पर्यावरण और संस्कृति की रक्षा साथ हो। बता दें कि गीतांजलि अपने पति की रिहाई के लिए गीतांजलि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी पत्र लिख चुकी हैं। उन्होंने अपने पति को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है।
गीतांजलि ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी जिसके बाद अदालत ने सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में गीतांजलि ने वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती दी है। साथ ही उन पर एनएसए लगाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। बता दें कि वांगुचक पर एनएसए लगाया गया और इसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और उसे संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर बीते 24 सितंबर को लेह में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हुई जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए। आरोप है कि वांगचुक की बातों ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया। वांगचुक ने कथित रूप से श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में जेनजी के प्रदर्शनों का जिक्र किया।
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