नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर लोग अपने घरों में स्वत: कैद हैं। यह बात सबको पता है कि इस संक्रमण का इलाज बचाव ही है। हम सब जितना ज्यादा बचाव कर पाएंगे उतना ही समाज, अर्थव्यवस्था और देश के लिए अच्छा होगा।
कोरोना के इलाज से संबंधित उपायों के लिए हम अमेरिका, इजराइल और चीन की तरफ देख रहे हैं। लेकिन एक किताब जो यूपी बोर्ड के स्कूलों में जन्तु विज्ञान की अभी पढ़ाई जाती है, जिसमें कोरोना वायरस का जिक्र है। डॉ रमेश गुप्ता की लिखी किताब में सामान्य फ्लू और कोरोना संक्रमण के बारे में बताया गया है। किताब में इस बात का जिक्र है साधारण जुकाम अलग अलग तरह के वायरस के जरिए होता जिसमें 75 फीसद राइनो और शेष में कोरोना जिम्मेदार होता है।
[डॉ रमेश गुप्ता की जन्तु विज्ञान की किताब से लिया गया अंश]
यह रोग मौसम में बदलाव की वजह से होता है। इस रोग का संक्रमण छींकने से हवा में जो कण फैलते हैं उससे दूसरे लोग भी प्रभावित होते हैं। इसके अलावा जब कोई संक्रमित शख्स दरवाजों के हैंडिल, घुंडियो या या किसी इंसान को छूता है तो स्वस्थ इंसान भी संक्रमण का शिकार हो जाता है। इस रोग के इलाज में एस्पिरिन, एंटी हिस्टामिन्स और नेजल स्पे लाभप्रद है, हालांकि किताब में जिन उपायों का जिक्र है कि उसके बारे में Times Now पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकता है। अगर आप कोरोना के संक्रमण का सामना कर रहे हैं तो विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद या भारत सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा दी गई सलाहों का पालन करें।
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