नई दिल्ली। Triple Talaq bill in loksabha तीन तलाक बिल पर गरमागरम के बहस के बाद लोकसभा में मतदान की प्रक्रिया संपन्न हुई जिसमें बड़े बहुमत से इस बिल को पारित कर दिया गया। तीन तलाक बिल के समर्थन में 303 मत जबकि विरोध में सिर्फ 82 वोट पड़े। लोकसभा मे असदुद्दीन ओवैसी के चार संशोधनों को खारिज कर दिया।
तीन तलाक बिल पर विपक्ष का कहना था कि उन्हें इस बिल पर विरोध नहीं है। लेकिन कुछ प्रक्रियाओं खासतौर से तीन तलाक को आपराधिक घोषित किए जाने पर ऐतराज है। व्यवहारिक तौर पर अगर पीड़ित महिला का पति जेल जाएगा तो महिला को गुजारा भत्ता कौन देगा। लेकिन सरकार ने इस आपत्ति को नजरंदाज कर दिया। सरकार की तरफ से कहा गया कि यह एक निषेधात्मक उपाय है जिसे बड़े परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। विपक्ष को सरकार का इस कदम का समर्थन करना चाहिए।
लोकसभा में मतदान प्रक्रिया में विपक्ष के साथ साथ सरकार की सहयोगी जेडीयू ने भी मतदान का बहिष्कार किया। जेडीयू सांसद लल्लन सिंह ने कहा कि वैचारिक तौर पर उनकी पार्टी सरकार के रुख से इत्तेफाक नहीं रखती है। महिलाओं को सम्मान दिलाने के लिए केंद्र सरकार को कानून लाने का अधिकार है। लेकिन मुस्लिम समाज के पुरुष वर्ग के बारे में भी सोचना चाहिए।
एआईएमआईम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी महज कांट्रैक्ट है।इसे आप बंधनों में नहीं बांध सकते हैं। ओवैसी ने अपनी बातों के समर्थन में तलाक के 9 किस्मों की दलील दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुस्लिम अपनी पत्नी को तीन तलाक बोल देता है तो इसका अर्थ ये नहीं है कि तलाक मान्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि तीन तलाक उन्हीं 9 किस्मों में शामिल है।
तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान सपा के सांसद आजम खान ने चेयर पर आसीन रमा देवी के खिलाफ असभ्य टिप्पणी की। लेकिन उसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, आजम खान के समर्थन में उतरे और कहा कि उन्होंने असभ्य टिप्पणी नहीं की। ये तो बीजेपी की सोच है जो उनके बयान में असम्मान का भाव देख रही है।
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