नई दिल्ली। बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं सुषमा स्वराज की अब सिर्फ यादें हैं। उनका ट्विटर हैंडल खामोश है। लेकिन आज भी लोग उन्हें अलग अलग अंदाज में याद करते हैं। सुषमा स्वराज की साफगोई का हर कोई कायल था। संसद से लेकर सड़क तक जब वो अपने विचारों को रखती थीं तो हर कोई उनकी मेधाशक्ति का कायल हो जाता था। लोगों को उनके पारिवारिक जीवन और राजनीतिक जीवन में दिलचस्पी थी। उनकी जिंदगी से जुड़े तमाम ऐसे प्रसंग है जिनके बारे में हम सभी जानते हैं। लेकिन एक ऐसा प्रसंग और है जिससे पता चलता है कि उन्हें भारतीय डॉक्टरों के कौशल पर कितना भरोसा था।
सुषमा स्वराज किडनी को समस्या थी। उनका परिवार चाहता था कि इलाज के लिए वो विदेश जाएं। लेकिन सुषमा स्वराज ने विदेश जाने से इनकार कर दिया था। आखिर वो विदेश क्यों नहीं जाना चाहती थीं। ऐसा नहीं था कि उनके पास ताकत, रुतबा या पैसे की किसी तरह की दिक्कत थी। सुषमा स्वराज विदेश क्यों नहीं जाना चाहती थीं इसके बारे में उनके पति स्वराज कौशल ने ट्वीट कर जानकारी दी है।
स्वराज कौशल बताते हैं कि सुषमा स्वराज के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के डॉक्टर तैयार नहीं थे। लेकिन सुषमा स्वराज ने जो कुछ कहा वो कुछ इस तरह है, सुषमा ने कहा कि यह देश के स्वाभिमान की बात है और राष्ट्रीय गौरव और भारतीय डॉक्टरों की कौशल की दुहाई देकर उन्होंने विदेश जाने से इनकार कर दिया। सुषमा स्वराज ने किडनी ट्रांसप्लांट की तारीख तय की और डॉ मुकुट मिंज से कहा कि आप सिर्फ इंस्ट्रूमेंट पकड़िये, कृष्णा मेरी सर्जरी आप करेंगे।
स्वराज कौशल बताते हैं कि ट्रांसप्लांट के बाद एक दिन वो कुर्सी पर मुस्कुरा रहीं थीं।उन्होंने कहा कि अगर वो ट्रांसप्लांट के लिए विदेश जातीं तो भारतीय डॉक्टरों पर लोगों को विश्वास उठ जाता। यही नहीं उन्होंने अपने किडनी प्रत्यारोपण को एक छोटा सा ऑपरेशन माना।इसके साथ ही एक और ट्वीट में स्वराज कौशल कहते हैं कि सुषमा स्वराज के इलाज में जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने मदद की थी उनके पास शुक्रिया कहने के लिए शब्दों की कमी है वो लगातार डॉक्टरों के संपर्क में थे। उन्होंने सुषमा स्वराज से तवान न लेने की भी बात कही क्योंकि उनके लिए स्वास्थ्य अहम था।
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