नई दिल्ली। 1994 सिख विरोधी हिंसा मामले में एसआईटी की कवरबंद रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इस कमेटी का गठन अवकाशप्राप्त जज शिव नारायण ढींगरा की अगुवाई में किया गया था। दरअसल सीबीआई ने 198 केसों को बंद करने का फैसला किया था जिसके खिलाफ पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ढींगरा कमीशन के परीक्षण के बाद यह फैसला किया जाएगा कि क्या इसे याचिकाकर्ताओं के साथ साझा किया जाए या उसे सीलबंद लिफाफा में ही रखा जाए। इस संबंध में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
दरअसल इस संबंध में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि सीबीआई की लापरवाही की वजह से ऐसे मामलों को बंद करने का फैसला किया जिसमें मेरिट थी। इसके लिए कांग्रेस की सरकार को भी दोषी ठहराते हुए कहा कि ज्यादातर मामलों में कांग्रेस के नेता ही फंसे हुए थे लिहाजा सरकारी तंत्र उदासीन रहा और इसका असर ये हुआ की पीड़ितों के जख्म वैसे ही हरे हैं। इस संबंध में याचिकाक्रताओं ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख किया और एसआईटी गठित की गई।
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