नई दिल्ली: दिल्ली के लोगों के लिए 20 जुलाई का दिन दुख भरा था।15 साल तक बतौर मुख्यमंत्री राजधानी को संवारने वालीं शीला दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। वह 1998 से 2013 के बीच दिल्ली की सीएम थीं। यहां एस्कॉटर्स अस्पताल में उन्होंने 81 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। शीला दीक्षित बीते कुछ समय से बीमार चल रहीं थीं। सुबह 10 बजे के करीब ही शीला दीक्षित को एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उनको उल्टी की शिकायत के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर शोक जाहिर किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि शीला ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रीय राजधानी की सूरत बदल दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके योगदान को याद किया। साथ पीएम शीला दीक्षित के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भी पहुंचे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक ट्वीट में लिखा, 'दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ राजनेता शीला दीक्षित के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। उनका कार्यकाल राजधानी के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का दौर था, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और सहयोगियों के प्रति मेरी संवेदना है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'शीला दीक्षित के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने दिल्ली के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना।' पीएम मोदी ने शीला दीक्षित के साथ एक तस्वीर भी शेयर की।
इसके अलावा दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मोदी सरकार के कई मंत्रियों सहित तमाम राजनीतिक हस्तियों ने शीला दीक्षित के निधन पर शोक व्यक्त किया और घर पर श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।
गौरतलब है कि शीला दीक्षित कांग्रेस पार्टी में बड़ा नाम था। उनको गांधी परिवार के करीबी लोगों में से एक माना जाता था। शीला दीक्षित कांग्रेस के उन कद्दावर नेताओं में से एक थीं जिनका संबंध राजीव गांधी से लेकर आज की कांग्रेस पीढ़ी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ भी बहुत अच्छे थे।
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