नई दिल्ली: झारखंड के तबरेज अंसारी ( Tabrej ansari) मॉब लिंचिग( mob lynching) केस में आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का केस चलेगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आरोपियों पर से धारा 302 को हटा लिया गया था। लेकिन तबरेज अंसारी की पत्नी का कहना था कि प्रशासनिक और राजनीतिक दबाव की वजह से आरोपियों के खिलाफ कमजोर धारा लगाई गई। इस संबंध में तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन का कहना है कि अगर आरोपियों के खिलाफ धारा 302 नहीं जोड़ी गई तो वो खुदकुशी कर लेगी।
शाइस्ता परवीन का कहना है कि पूरी दुनिया जानती है कि सच क्या है। उसका पति भीड़ की हिंसा का शिकार हुआ जिसमें उसकी जान चली गई। लेकिन प्रशासन का मानना है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। देश और दुनिया के लोग उसके साथ खड़े हैं।ये बात अलग है कि उसके साथ सिर्फ प्रशासन नहीं खड़ा है।
तबरेज अंसारी की उस वक्त की गई थी जब वो कहीं से अपने घर जा रहा था। तबरेज की पिटाई करने वाले लोगों का आरोप था कि उसने मोटरसाइकिल की चोरी की थी। भीड़ ने उसे खंभे में बाधा और बेरहमी से पीटा। इसके साथ ही ये भी आरोप है कि उससे जबरिया जयश्रीराम के नारे लगवाए गए। इस तरह की खबरों के बाद इस मुद्दे पर जमकर राजनीति शुरू हुई।
तबरेज अंसारी का मामला उस समय भी सुर्खियों में रहा जब आरोपियों को जमानत मिलने पर तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सम्मानित किया था। हाल ही में जब इस केस में हत्या की धारा को गैरइरादतन हत्या में बदला गया तो एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस सरकार में इंसानी जान की कोई कीमत नहीं है।
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