नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया कि जब वो पूर्व आईपीएस अफसर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थी, तब पुलिस ने उन्हें रोका। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरा गला दबाया और मुझे धक्का दिया। दारापुरी को नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान गिरफ्तार किया गया था। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद प्रियंका गांधी दोपहिया वाहन से दारापुरी के परिवार के सदस्यों से मिलने गईं।
इस पूरी घटना पर उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से प्रियंका के साथ महिला पुलिस ने हाथापाई की उससे मैं बेहद परेशान हूं। एक ने उसके गले को दबाया, दूसरी महिला पुलिस ने उसे धक्का दिया और वह नीचे गिर गई। लेकिन वह दृढ़ थी और पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए वो दोपहिया वाहन पर गई।'
वाड्रा ने आगे कहा, 'मुझे प्रियंका पर गर्व है। वह दयालु है और उन लोगों तक पहुंची जिनको उसकी आवश्यकता है। आपने जो किया वह सही था और जरूरतमंद लोगों के साथ या दुःख में होना कोई अपराध नहीं है।'
इस पूरी घटना पर पुलिस की तरफ से भी बात रखी गई। कलानिधि नैथिनी, एसएसपी लखनऊ ने कहा, 'आज सुबह क्षेत्र प्रभारी डॉ. अर्चना सिंह ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है जहां उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की कार निर्धारित मार्ग में नहीं चल रही थी। सिंह ने यह भी लिखा है कि जो भी अफवाहें सोशल मीडिया पर चल रही हैं गलत है। प्रियंका गांधी वाड्रा का गला दबाने वाली बात भी गलत है।'
डॉ. अर्चना सिंह ने कहा, 'यह बिल्कुल सच नहीं है। मैं उनकी (प्रियंका गांधी वाड्रा) बेड़ा प्रभारी थी। किसी ने भी उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया, मैंने केवल अपना कर्तव्य निभाया। मैं भी घटना के दौरान साथ थी।'
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