कोलकाता : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता के मुद्दे पर बुधवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राज ठाकरे ने कहा कि उन्हें हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से कोई उम्मीद नहीं है। बता दें कि राज ठाकरे आगामी विधानसभा चुनावों में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। मनसे प्रमुख अपनी इस मांग को लेकर कुछ दिनों पहले चुनाव आयोग और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। राज ठाकरे ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में जुटे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से अपनी मुलाकात के बाद राज ठाकरे ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, 'मैं चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल के मुद्दे पर बातचीत के लिए कोलकाता आया और ममता बनर्जी से मुलाकात की। मैंने मंबई में एक 'मोर्चा' बनाने के लिए उन्हें निमंत्रण दिया है। उन्होंने मुझसे कहा कि उनकी पार्टी लोकतंत्र बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, मैं हूं, समझ लेना।'
इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा, 'देश के सभी उद्योगपति यदि इस तरह से देश छोड़ देंगे अथवा आत्महत्या कर लेंगे तो आपको नहीं लगता कि यह देश के लिए खतरे का संकेत है? मैं खुद को आज दुखी महसूस कर रही हूं क्योंकि यह कृषि अथवा उद्योग का भविष्य नहीं हो सकता।' राज ठाकरे से यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईवीएम के मुद्दे पर कोर्ट का रुख करेंगे। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मुझे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से उम्मीद नहीं है।'
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे मनसे प्रमुख इन दिनों मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। लोकसभा लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर हमला बोला। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसी चर्चा है कि मनसे को महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन में जगह मिल सकती है। हालांकि, इस बारे में मनसे, कांग्रेस अथवा राकांपा के नेता खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। सोनिया गांधी के साथ राज ठाकरे के मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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