नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भारत के कई हिस्सों में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के बीच पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सत्ताधारी दलों को बहुसंख्यकवाद के खिलाफ आगाह किया। उन्होंने कहा है कि चुनावों में बहुमत एक राजनीतिक दल को केवल एक स्थिर सरकार बनाने का अधिकार देता है ना की बहुसंख्यकवादी सरकार बनने का।
इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित दूसरे अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल लेक्चर के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'चुनावों में संख्यात्मक बहुमत आपको स्थिर सरकार बनाने का अधिकार देता है। लोकप्रिय बहुमत की कमी आपको बहुसंख्यकवादी सरकार बनने से रोकती है। यही हमारे संसदीय लोकतंत्र का संदेश और सार है।'
मुखर्जी ने कहा कि 1952 से लोगों ने अलग-अलग पार्टियों को मजबूत जनादेश दिया है लेकिन कभी भी एक पार्टी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं दिए। उन्होंने ये भी कहा कि बहुमत वाली पार्टी को उन लोगों को साथ रखना चाहिए जिन्होंने उसे वोट नहीं दिया। मुखर्जी ने सरकार को दूसरों को साथ लेकर चलने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, 'संसदीय लोकतंत्र सबको साथ लेकर चलने का आह्वान करता है।'
पूर्व राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सभी को साथ लेकर चलने की काबिलियत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने सबको साथ लेकर काम किया। मुखर्जी ने वाजपेयी को देश और उसके लोगों की अच्छी समझ रखने वाला दूरदर्शी नेता कहा।
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