नई दिल्ली: आजादी से ठीक पहले भारत-पाकिस्तान का विभाजन जहां दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी में से एक साबित हुई, वहीं इसके जख्म आज भी मानवीय संवेदनाओं को कुरेदते हैं। इस विभाजन की खलिश आज भी दोनों देशों के बीच महसूस की जा रही है, जिसकी टीस रह-रहकर उभरती ही रहती है। इन सबके बीच केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अब विभाजन को ‘आधुनिक भारत में सबसे बड़ी गलती’ करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उस बंटवारे का ही नतीजा है कि आज कश्मीर पर इतना विवाद बना हुआ है और इस पर लगातार चर्चा हो रही है। अगर यह बंटवारा नहीं हुआ होता तो इसकी नौबत ही नहीं आती।
वह यहां विश्व हिन्दी परिषद के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘आधुनिक भारत की सबसे बड़ी गलती विभाजन रही। गांधी जी इसके बिल्कुल खिलाफ थे। वह साफ कहते थे कि विभाजन मेरी लाश पर ही होगा, लेकिन कुछ लोगों की महात्वाकांक्षा के कारण ऐसा हुआ, जिसका खामियाजा देश आज भी भुगत रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी इन सबसे इतने निराश हो गए थे कि स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर भी वह देश की राजधानी दिल्ली में नहीं रहे, बल्कि पश्चिम बंगाल चले गए।
यहां उल्लेखनीय है कि विभाजन से ठीक पहले देश के कई हिस्सों में दंगे भड़क गए थे और विभिन्न समुदायों के लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे। वही वक्त था जब महात्मा गांधी ने देश की आजादी के जश्न में शामिल होने की बजाय पश्चिम बंगाल के नोआखली में भड़के दंगे को शांत कराने को तरजीह देते हुए वहां का रुख किया।
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