नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में पशुधन विभाग ने हाई डोज इंजेक्शन लगाकर एक घोड़ी को मौत की नींद सुला दिया। संक्रमण फैलने की डर से विभाग ने ऐसा किया है। घोड़ी संक्रामक ग्लैंडर्स बीमारी का शिकार हो गई थी। रानी नाम की घोड़ी को पशु चिकित्सकों ने सोडियम थियोप्लांटल इंजेक्शन दिया। घोड़ी के मरने के बाद उसे दफना दिया गया।
पशुधन विभाग के डॉ. तरुण रामटेके ने कहा, 'ऐसे जानवरों को मारना जरूरी है जो ग्लैंडर्स जैसी बीमारी से पीड़ित हैं। यह संक्रमण अन्य जानवरों और मनुष्यों के बीच बहुत तेज गति से फैलता है।' उन्होंने कहा, 'विभाग ने पूरी प्रक्रिया का पालन किया और जानवर को मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए उसे दफनाया गया।'
छह घोड़ों के रक्त के नमूने को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया था, जिसमें एक का सकारात्मक पाया गया। राजनांदगांव पशुधन विभाग को रानी को उसके मालिक को मारने के फैसले के बारे में सूचित करने और संक्रमित जानवरों को आवासीय क्षेत्रों से दूर रखने के लिए कहा गया था। विभाग द्वारा घोड़ी को नवगाव स्थित ट्रेनिंग ग्राउंड में दफनाया गया।
ग्लैंडर्स एक गंभीर जूनोटिक जीवाणु रोग है जो मुख्य रूप से घोड़े, खच्चरों और गधों को प्रभावित करता है। यह कई शताब्दियों तक दुनिया भर में समस्या थी, लेकिन 1900 के मध्य तक ज्यादा देशों से इस बीमारी का खात्मा कर दिया गया। अब यह असामान्य है और सीमित भौगोलिक क्षेत्रों से ही इसके मामले सामने आते हैं।
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