तिरुवंनतपुरम : केरल में 'जय श्री राम' के नारे को लेकर सियासत गरमा गई है। बीजेपी नेता बी गोपालकृष्णन ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि जिन्हें 'जय श्री राम' सुनना पसंद नहीं है वे चांद पर चलें जाएं। उनकी यह टिप्पणी विभिन्न क्षेत्रों की 49 हस्तियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'मॉब लिंचिंग' के खिलाफ एक पत्र लिखे जाने के बाद आई थी, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'जय श्री राम' का नारा नहीं लगाने वालों को पीटा जा रहा है और मॉब लिंचिंग की बहुत सी घटनाएं इसी से जुड़ी हैं। जिन लोगों ने पीएम मोदी को यह पत्र लिखा, उनमें प्रख्यात फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन भी शामिल हैं, जिन पर निशाना साधते हुए केरल बीजेपी के एक नेता ने कहा कि ऐसे लोग चांद पर जा सकते हैं, जो 'जय श्री राम' नहीं सुन सकते।
मामले के तूल पकड़ने के बाद अब केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन भी इसमें कूद पड़े हैं। पहले ही मशहूर फिल्मकार के प्रति समर्थन जता चुके केरल के सीएम ने शनिवार को अडूर गोपालकृष्णन से मुलाकात की और उनका समर्थन करते हुए कहा कि उनके जैसे सम्मानित शख्स को अपमानित करने व धमकाने के बाद अब बीजेपी-आरएसएस खुद को सही साबित करने में जुटे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केरल में धर्मनिरपेक्ष संस्कृति है और यहां यह सब काम नहीं करने वाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरा केरल अडूर गोपालकृष्णन के साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि वह फिल्मकार को केवल यह भरोसा दिलाने पहुंचे थे कि पूरा केरल उनके साथ है।
पूरे मामले को लेकर जारी विवाद के बीच राज्यसभा सदस्य एमपी वीरेंद्र कुमार ने भी अडूर गोपालकृष्णन को लेकर बीजेपी नेता के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं से लोकतंत्र में आस्था रखने वाला हर आदमी चिंतित है। विपक्षी दल कांग्रेस के नेता रमेश चेन्नितला भी फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन से मिलने पहुंचे और उनके प्रति समर्थन जताया।
इससे पहले केरल बीजेपी के प्रवक्ता बी गोपालकृष्णन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि अडूर गोपालकृष्णन सम्मानित फिल्मकार हैं, लेकिन वह देश की संस्कृति का 'अपमान' नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि केरल में रामायण माह चल रहा है, जो 17 जुलाई से 16 अगस्त तक मानाया जाता है। इस बीच लोग 'जय श्री राम' के नारे लगाएंगे। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, 'अगर आप इसे नहीं सुन सकते तो कृपया अपना नाम श्रीहरिकोटा जाकर दर्ज करा लें और चांद पर जा सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर होगा कि फिल्मकार अपना नाम बदल लें।
वहीं, फिल्मकार अडूर गोपालकृष्णन ने यह कहकर अपना पक्ष रखा कि जिन लोगों ने भी पीएम को पत्र लिखा, वे राजनीति से नहीं जुड़े हैं और किसी ने भी सरकार की आलोचना नहीं की, बल्कि समाज में हो रही घटनाओं पर बस अपनी चिंता जताई, इसलिए किसी को भी उन्हें शत्रु के तौर पर देखने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन सभी की चिंता बस लोकतंत्र के प्रति है। उन्होंने यह भी कहा कि राम को 'मर्यादा पुरुष' कहा जाता है और वह खुद भी एक श्रद्धालु हैं, ऐसे में राम के नाम पर जो भी घटनाएं हो रही हैं, वास्तव में वे उनका अपमान हैं।
विभिन्न क्षेत्रों की जिन 49 हस्तियों ने 23 जुलाई को पीएम मोदी को पत्र लिखा, उनमें अपर्णा सेन, गायिका शुभा मुद्गल, इतिहासकार रामचंद्र गुहा और समाजशास्त्री आशीष नंदी भी शामिल हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।