नई दिल्ली। Mehbooba Mufti: पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को घाटी में सैनिकों की अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती के लिए केंद्र पर निशाना साधा। केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए, उसने कहा कि जम्मू और कश्मीर संघर्ष एक "राजनीतिक समस्या" है और इसे 'सैन्य साधन' द्वारा समाधान नहीं किया जा सकता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर महबूबा मुफ्ती ने एक पोस्ट में कहा-'घाटी में भारत सरकार के अतिरिक्त 10,000 सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय मनोविकृति पैदा की है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जाएगा, भारत सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तहत गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 100 कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थितियों को बेहतर किया जा सके। तैनात 100 कंपनियों में से, 50 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ),10 सीमा सुरक्षा बल से,30 सशस्त्र सीमा बल से और 10 भारत तिब्बती सीमा पुलिस से तैनात किया जाएगा।
बता दें कि 25 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का फैसला किया है। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि इससे सीआई ग्रेड को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही आदेश में कहा गया था कि अतिरिक्त सुरक्षा जवान भेजने से जम्मू- कश्मीर की कानून- व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
भारतीय प्रशासनिक अधिकारी से राजनेता बने शाह फैसल ने भी केंद्र सरकार के इस कदम पर चिंता व्यक्त की और कहा जा रहा है कि इससे लोगों में अनावश्यक ये भावना आ रही है कि यहां कुछ भयावह होने वाला है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को बिना किसी अधिकारिक जानकारी के घाटी का दौरा करने श्रीनगर पहुंचे थे। एनएसए चीफ ने वहां पहुंचकर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के उच्च अधिकारियों के साथ अलग- अलग बैठक की थी और राज्य की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।
जानकारी के मुताबिक, अजीत डोभाल ने डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी, आईजी एसपी पाणि और राज्यपाल के सलाहकार के.विजय के साथा बैठक की थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर राज्य में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का निर्णय लिया है। इससे पहले भी इस साल फरवरी में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को जम्मू- कश्मीर में भेजा गया था।
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