नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर अलगाववादियों को खरीखोटी सुनाई। वो लगातार अलागवावादी नेताओं की आलोचना करते रहे हैं। सत्यपाल मलिक कहा करते थे कि अलगाववादी नेता शुरू से आम कश्मीरियों को भड़काते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर को कोई उठा के कहीं और नहीं ले जाएगा। यहां के निवासी ही इस राज्य के मुस्तकबिल का फैसला करेंगे। यहां के लोगों को सोचना होगा कि कौन उनके साथ खड़ा है और कौन उनके खिलाफ बोलता है।
एक बार फिर सत्यपाल मलिक ने अलगाववादी नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जितने संगठन, संप्रदाय, हुर्रियत या मेनस्ट्रीम के नेता हैं वो लगातार आन लोगों को मरवाने का काम करते रहे हैं। इसमें से किसी भी नेता का बच्चा नहीं मारा गया, किसी का बच्चा आतंकवाद की गिरफ्त में नहीं आआ। आम आदमी को जन्नत का रास्ता दिखाइए और मरवा दीजिए यही होता रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का राज्य की प्रगति के लिए आगे आना होगा। केंद्रीय मदद से न केवल वो अपने भविष्य को संवार सकते हैं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर और गौरवमयी इतिहास दे सकते हैं। केंद्र सरकार पहले भी यहां के विकास के लिए प्रतिबद्ध रही है और जब से अनुच्छेद 370 को हटाया गया उसके बाद हालात में सकारात्मक बदलाव दिखाई दे रहा है। कश्मीर के युवाओं को अलगाववादी नेताओं से यह जरूर पूछना चाहिए कि जब वो तथाकथित आजादी की लड़ाई में शामिल थे तो उस वक्त उनके बच्चे कहां थे। सामान्य कश्मीरी लड़के के हाथ में वो पत्थर पकड़ा देते थे और उनके बच्चे विदेशों में उच्च शिक्षा हासिल करते थे।
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