श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी फारूक अब्दुल्ला से राज्य के विशेष दर्जे की रक्षा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि हाल के घटनाक्रमों ने जम्मू-कश्मीर में लोगों में दहशत की भावना पैदा की है, मैं डॉ. फारूक अब्दुल्ला साहब से अनुरोध करती हूं को वह एक सर्वदलीय बैठक बुलाएं। यह समय एक साथ आने और एकजुट होकर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। हम कश्मीर के लोगों को एक साथ खड़े होने की जरूरत है।
महबूबा मुफ्ती के ट्वीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मैं इस बारे में सकारात्मक हूं, मैं इस सप्ताह एक सर्वदलीय बैठक बुलाऊंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कहा कि अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जाना चाहिए। यह हमारी नींव बनाता है। इसे हटाने की कोई जरूरत नहीं है। हम हिंदुस्तानी हैं लेकिन वे (अनुच्छेद 35A और अनुच्छेद 370) हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।
अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देने और घाटी में केंद्र द्वारा केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को भेजने की पृष्टभूमि में मुलाकात की मांग की है। सीनियर पार्टी नेता ने कहा कि अब्दुल्ला और दो एनसी लोकसभा सदस्य जस्टिस (रिटायर) हसनैन मसूदी और मोहम्मद अकबर लोन ने प्रधानमंत्री से तत्काल मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा कि पार्टी लोकसभा में राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में भी बात करेगी, जिसके लिए सदन में आवश्यक नोटिस दिया गया है।
मीडिया की रिपोर्टों के बाद पिछले कुछ दिनों के दौरान कश्मीर में पूरी तरह से भ्रम की स्थिति रही है कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 35A को भंग करने की सबसे अधिक संभावना थी जो राज्य के विधायिका को राज्य के स्थायी निवासियों को परिभाषित करने की शक्ति प्रदान करता है। सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही हैं कि अनुच्छेद 35A को खत्म करने की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है। लोग अनुच्छेद 35A के निरस्त होने की आशंका के चलते राशन, दवाइयां, दालें, वाहनों के लिए ईंधन और अन्य सभी जरूरी चीजें खरीदकर जमा कर रहे हैं। जबकि राज्यपाल का प्रशासन लोगों से इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देने के लिए कह रहा है। उधर नई दिल्ली या श्रीनगर से इस प्रावधान पर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा गया है।
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