नई दिल्ली : ऑस्ट्रिया से भारतीय राजदूत को वापस बुलाए जाने की खबर मीडिया में आने के बाद आधिकारिक प्रवक्ता ने इस पर स्पष्टीकरण दिया है। मीडिया में आ रही ये रिपोर्ट की ऑस्ट्रिया से भारतीय राजदूत को वापस हेडक्वार्टर बुलाया जा रहा है ये तथ्यात्मक रुप से बिल्कुल गलत है। अधिकारी के हेडक्वार्टर में ट्रांसफर का निर्णय एक प्रशासनिक निर्णय था। तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना बेहद शर्मनाक है।
मंत्रालय की तरफ से इस तरह की कोई भी सूचना या जानकारी किसी भी मीडिया को नहीं दी गई है। ऐसी किसी भी प्रकार की जानकारी जिसे मंत्रालय से जोड़कर बताया जा रहा है वह सरासर गलत और बेबुनियाद है। बता दें कि विदेशी मीडिया में ये खबर रिपोर्ट की जा रही थी कि भारतीय राजदूत को भ्रष्टाचार के आरोप के बाद ऑस्ट्रिया से वापस बुलाया जा रहा है।
शिन्हुआ न्यूज में छ्पी एक रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन फॉरेन सर्विस की भारतीय राजदूत को बड़ी मात्रा में सरकारी फंड का अवैध इस्तेमाल करने के आरोप के बाद वापस बुलाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय राजदूत रेणु पाल विएना में पोस्टेड हैं जिसे 30 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय वापस बुला रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक उन पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन पर मंत्रालय की अनुमति के बिना सरकारी आवास पर करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप था। सितंबर के महीने में सीवीसी (चीफ विजिलेंस ऑफिसर) की टीम रेणु पाल की जांच करने के लिए विएना गई थी। सीवीसी को सौंपे गए फाइनल रिपोर्ट में टीम ने भारतीय राजदूत की तरफ से कई प्रकार की वित्तीय गड़बड़ियां पाईं।
9 दिसंबर को रेणु पाल को मंत्रालय के द्वारा हेडक्वार्टर बुला लिया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने राजदूत को किसी भी प्रकार की वित्तीय शक्तियों का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दिया था।
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