नई दिल्ली: साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बॉर्डर पार करके पाकिस्तान गए चंदू चव्हाण ने यह कहते हुए सेना से इस्तीफा दे दिया है कि उन्हें पाक से लौटने के बाद उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। जवान के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय सेना ने उसके इस कदम को अनुशासनहीनता बताया है। सेना का यह भी कहना है कि जवान पहले भी इस तरह का व्यवहार कर चुका है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के सूत्रों ने शनिवार को कहा, 'जवान के खिलाफ पांच मामले चल रहे हैं जो अलग अलग अपराधों के लिए उसके खिलाफ शुरु हुए हैं। इसके अलावा पिछले साल आम चुनाव के दौरान सक्रिय रूप से प्रचार करने के लिए धुले में लोक प्रशासन की ओर से भी एक शिकायत की गई थी। इसे मीडिया ने भी रिपोर्ट किया था।'
सूत्रों ने बताया कि अहमदनगर में बख्तरबंद कोर सेंटर में जवान के रूप में तैनात चव्हाण भी यूनिट लाइनों में नशे में भी पाए जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, 'अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी होने के दौरान सोवर चंदू चव्हाण यूनिट परिसर से फरार हो गए थे और उन्हें 3 अक्टूबर, 2019 से उन्हें बिना अवकाश अनुपस्थित घोषित कर दिया गया।'
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की ओर से उनके पुनर्वास के लिए परामर्श और प्रयास उनके अभावग्रस्त और गलत रवैये की वजह से बेकार होते रहे हैं। सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि सेना किसी भी परिस्थिति में, इस तरह की अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं करेगी और कहा कि उसकी यूनिट को अनुपस्थित होने से पहले छुट्टी का कोई आवेदन नहीं मिला है।
चंदू चव्हाण ने साल 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक बाद अनजाने में भारत- पाकिस्तान सीमा को पार कर लिया था और चार महीने तक पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद वह भारत लौटे थे। उन्होंने पाकिस्तान में उनके खिलाफ जुल्म और मारपीट की बात कही थी।
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