नई दिल्ली: सुस्ती से गुजर रही अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही ( जुलाई-सितंबर) के दौरान विकास दर (जीडीपी) में 4.5 फीसदी पर आ गई है। यह पिछले 6 साल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे न्यूनतम विकास दर है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी दर 7 फीसदी थी। जीडीपी दर में आई गिरावट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर फिर से हमला किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'हमारी अर्थव्यवस्था की जो हालत है वह तो चिंताजनक है ही लेकिन उससे भी ज्यादा हमारे समाज की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।' हालांकि मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम दोबारा कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल अब भी मजबूत है। अगली तिमाही में बढ़ सकती है जीडीपी।'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'असफल मोदीनॉमिक्स और पकोड़ा इकोनॉमिक विजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरी आर्थिक मंदी में डुबो दिया है। कई रेटिंग एजेंसियों, वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, मूडी, फिच, आरबीआई, एसबीआई ने भविष्यवाणी की: जीडीपी ग्रोथ दूसरी तिमाही में 4.5% के ऐतिहासिक निम्ननतम स्तर तक गिर गई है, जो पिछले 6 वर्षों में सबसे खराब है।'
कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, '7.5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत पर जीडीपी ग्रोथ का आ जाना बताता है कि सरकार के कार्यकाल में रोजगारी चरम पर है, देश में किसानों का बुरा हाल है, 6 साल में सबसे निचले स्तर पर जीडीपी ग्रोथ रेट है और मोदी सरकार आंखें बंद करके बैठी है।'
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने इन आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं। वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही से जीडीपी ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है। आईएमएफ ने 2019-20 में जीडीपी दर 6.1 फीसदी और 2020-21 में सात फीसदी तक होने का अनुमान जताया है।'
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