नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है और हर रोज इसका स्तर बढ़ता ही जा रहा है। ताजा अपडेट के मुताबिक लोधी रोड एरिया में वायु में प्रदूषण की मात्रा में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। शुक्रवार की ही तरह लोधी रोड एरिया में आज भी पीएम 2.5 की मात्रा 500 और पीएम 10 की मात्रा 500 दर्ज की गई है।
शुक्रवार को पर्यावरण प्रदूषण (सुरक्षा और नियंत्रण) बोर्ड ने प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। दिल्ली में कई दिनों से स्मॉग की मोटी परत बन गई है जिसने हवा को जहरीला बना दिया है। ताजा तस्वीरें राजपथ से सामने आ रही हैं जिसमें गहरी धुंध के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
बता दें कि दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा समेत कई इलाकों में भी प्रदूषण का खासा असर दिख रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राज्य में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। योगी ने यहां लोक भवन में राज्य में वायु प्रदूषण की स्थिति एवं इसके निवारण हेतु किए जा रहे उपायों की समीक्षा की।
एक सरकारी बयान के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने वायु प्रदूषण की खराब स्थिति वाले मण्डलों के मण्डलायुक्तों तथा जनपदों के जिलाधिकारियों को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों जैसे पराली जलाना, कूड़ा जलाना, निर्माण कार्यों से होने वाले वायु प्रदूषण, विद्युत आपूर्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले जनरेटरों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाने इत्यादि के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
योगी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि शहरों में कूड़े का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और इसे आग लगाकर निस्तारित करने पर पूरी तरह से रोक लगायी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर सम्बन्धित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन इकाइयों द्वारा वायु प्रदूषण रोकने के लिए सभी निर्धारित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान प्रदेश में कहीं भी पराली न जलाएं। उन्होंने इस सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने खेतों में पराली जलाने से जमीन की उत्पादकता पर पड़ने वाले कुप्रभाव की भी किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने पराली को कम्पोस्ट में तब्दील करने की सम्भावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए।
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