दिल्‍ली में बढ़ रहा कोरोना का कहर, कंटेनमेंट जोन अब 56, देखें पूरी लिस्‍ट

Coronavirus in Delhi: दिल्‍ली में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच यहां एक और कंटेनमेंट जोन बढ़ गया है। राष्‍ट्रीय राजधानी में अब कुल 56 ऐसे इलाके हो गए हैं।

दिल्‍ली में बढ़ रहा कोरोना का कहर, कंटेनमेंट जोन अब 56, देखें पूरी लिस्‍ट
दिल्‍ली में बढ़ रहा कोरोना का कहर, कंटेनमेंट जोन अब 56, देखें पूरी लिस्‍ट  |  तस्वीर साभार: AP

नई दिल्‍ली : राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए विभिन्‍न इलाकों को सील किया जा रहा है। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में जहां मंगलवार को 55 कंटेनमेंट जोन की पहचान की गई थी, वहीं बुधवार को यह संख्‍या 1 और बढ़ गई है, जिसके बाद ऐसे इलाके अब 56 हो गए हैं। कोरोना वायरस के हॉटस्‍पॉट के तौर पर चिहिन्‍त यह नया इलाका मॉडल टाउन की पुलिस कॉलोनी का है।

दिल्‍ली में संक्रमण के 1578 मामले
दिल्‍ली में जो नया इलाका एक अन्‍य कंटेनमेंट जोन के तौर पर सामने आया है, वे मॉडल टाउन स्थित पुलिस कॉलोनी में जी, एच और आई ब्‍लॉक्‍स हैं। राष्‍ट्रीय राजधानी में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 1578 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 32 लोगों की जान जा चुकी है। बीते 24 घंटों के दौरान यहां कोरोना वायरस संक्रमण के 17 नए मामले सामने आए हैं, ज‍बकि 2 अन्‍य लोगों की जान चली गई है।

संक्रमण के मामलों में गिरावट
राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में हालांकि कंटेनमेंट जोन बढ़कर 56 हो गए हैं, पर यहां रोजाना सामने आ रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बीते दो दिना में कमी देखी गई है, जिसका जिक्र मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मंगलवार को किया था। उन्‍होंने कहा था कि कल दिल्ली में 356 करोना के मामले आए थे, आज 51 ही आए। उनकी इस बात को बुधवार के मामलों से जोड़कर देखा जाए तो यहां आज 17 नए मामले सामने आए हैं, जो लगातार गिरावट को दर्शाता है।

प्‍लाज्‍मा टेक्नीक से इलाज
इस बीच दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने राष्‍ट्रीय राजधानी में मरीजों के इलाज के लिए प्‍लाज्‍मा टेक्नीक का ट्रायल शुरू किए जाने की बात कही है, जो इलाज की 120 साल पुरानी पद्धति है। करीब 120 साल पुरानी इलाज की इस पद्धति को कोरोना वायरस के उपचार में प्रभावी माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका इस्‍तेमाल रेबीज, इबोला, MERS और SARS के इलाज में भी होता रहा है, जिसमें यह काफी कारगर पाया गया है।

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