नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना के मामलों में हालांकि पिछले दिनों कुछ कमी आई है, लेकिन लोगों के मन में अब भी एक सवाल बार-बार कौंध रहा है कि आखिर इस महामारी से छुटकारा कब मिलेगा। लोगों में उत्सुकता इस सवाल को लेकर भी है कि आखिर कब इस घातक बीमारी से बचाव के लिए टीका उपलब्ध हो सकेगा। इस संबंध में अब सरकारी समिति ने जो कुछ भी सामने रखा है, उससे उम्मीद की जा रही है कि अगले साल के शुरुआती महीनों में इस घातक संक्रामक रोग पर काफी हद तक काबू पा लिया जाएगा।
कोरोना वायरस संक्रमण के लड़ने के लिए उठाए जा रहे तमाम कदमों के बीच सरकार ने वैज्ञानिकों की एक समिति का गठन किया था, जिसका कहना है कि इस संक्रामक रोग पर फरवरी 2021 तक काबू पाए जाने के आसार हैं। समिति ने कम्यूटर मॉडल्स के आधार पर इसका अनुमान जताया और कहा कि देश में कोविड-19 के 1.6 करोड़ से अधिक केस नहीं होंगे। हालांकि समिति ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका से भी इनकार नहीं किया है और इस बात पर जोर दिया है कि इससे बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपायों को जारी रखने की आवश्यकता है।
देश में इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले लगभग 75 लाख हैं, जिनमें से एक्टिव केस 8 लाख के आसपास हैं, जबकि 1.14 लाख लोगों की जान इस घातक बीमारी से जा चुकी है। समिति ने इस महामारी से निपटने के लिए मार्च में घोषित लॉकडाउन को कारगर करार देते हुए कहा है कि अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया गया होता तो इस साल अगस्त तक ही यहां कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 25 लाख से ऊपर पहुंच गई होती। समिति के मुताबिक, देशव्यापी लॉकडाउन की अब आवश्यकता नहीं है और इसे सीमित व प्रभावित क्षेत्रों में ही आवश्यकतानुसार लागू किए जाने की आवश्यकता है।
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