श्रीनगर : केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात किए जाने का फैसला लिया है। इसका मकसद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाना बताया गया है। इसी योजना के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त बलों की तैनाती को मंजूरी दे दी है। इसके तहत राज्य में सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां तैनात किए जाने की योजना है। इनमें से 50 कंपनियां सीआरपीएफ की तैनात की जाएगी, जबकि 10 कंपनियां बीएसएफ की, 30 कंपनियां एसएसबी की और 10 कंपनियां आईटीबीपी की तैनात की जाएगी।
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जम्मू एवं कश्मीर का दौरा किया है। डोभाल के जम्मू एवं कश्मीर दौरे को लेकर हालांकि अभी कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि उन्होंने वहां सुरक्षा हालात का जायजा लिया और कई शीर्ष अधिकारियों के साथ उनकी बैठक हुई, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ की अतिरिक्त 100 कंपनियों की जम्मू एवं कश्मीर में तैनाती की योजना को मंजूरी दी है।
डोभाल के दौरे और जम्मू एवं कश्मीर में अतिरिक्त बलों की मंजूरी के केंद्र सरकार के फैसले के बीच ऐसी अटकलें जोरों पर हैं कि बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 और प्रदेश विधानसभा को स्थानीय रहवास के संबंध में विशेष कानून बनाने का अधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए को जल्द से जल्द समाप्त करना चाहती है और मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों के भीतर इस लक्ष्य को हासिल कर लेना चाहती है।
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, 'यह हैरान करने वाला है कि लोगों की नाराजगी दूर करने और घाटी में लोगों को आश्वस्त करने की बजाय प्रशासन का एक बड़ा वर्ग लोगों को डराने में जुटा है कि 15 अगस्त के बाद वे बड़ी मुश्किलों और उथल-पुथल के लिए तैयार रहें।'
जम्मू एवं कश्मीर में सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले के पीछे का मकसद अभी साफ तौर पर स्पष्ट नहीं है, पर माना जा रहा है कि पुलवामा हमले के बाद सरकार ने जिस तरह अलगवादी नेताओं और जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है, यह उसी का हिस्सा है और सीएपीएफ की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती से प्रदेश में किसी भी अप्रिय हालात से निपटने में मदद मिलेगी।
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