नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने पार्टी की राजस्थान कार्यकारी इकाई को भंग कर दिया है। हाल ही में राजस्थान में बीएसपी के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बसपा राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन दे रही थी। मायावती ने इसके लिए कांग्रेस को धोखेबाज ठहराया।
पार्टी द्वारा एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, 'बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देशों के आधार पर राजस्थान राज्य में पार्टी की कार्यकारिणी भंग कर दी गई है।' पार्टी के दो राष्ट्रीय नेताओं को राज्य में पार्टी के मामलों की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है, 'बसपा प्रमुख मायावती ने राज्य में कार्यवाही की देखरेख के लिए राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम और राज्यसभा के पूर्व सांसद मुनकाद अली को निर्देशित किया है।'
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी। कांग्रेस अपनी कटु विरोधी पार्टी/संगठनों से लड़ने के बजाए हर जगह उन पार्टियों को ही सदा आघात पहुंचाने का काम करती है जो उन्हें सहयोग/समर्थन देते हैं। कांग्रेस इस प्रकार एससी, एसटी,ओबीसी विरोधी पार्टी है तथा इन वर्गों के आरक्षण के हक के प्रति कभी गंभीर व ईमानदार नहीं रही है।'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस हमेशा ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर व उनकी मानवतावादी विचारधारा की विरोधी रही। इसी कारण डॉ. अम्बेडकर को देश के पहले कानून मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कांग्रेस ने उन्हें न तो कभी लोकसभा में चुनकर जाने दिया और न ही भारत रत्न से सम्मानित किया। अति-दुःखद व शर्मनाक।'
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