नई दिल्ली: एक बार फिर प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में आरक्षण की मांग का मुद्दा उठा है। इस बार यह मांग बीजेपी सांसद हीना गावित ने उठाया है। उन्होंने सोमवार को प्राइवेट सेक्टर में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़े लोगों के लिए आरक्षण की मांग की। गावित ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि प्राइवेट सेक्टर देश में बड़े पैमाने पर विस्तार कर रहा था और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत निवेश आ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनरल कटैगरी के लोगों में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया है।
गावित महाराष्ट्र में नंदुरबार चुनाव क्षेत्र से जीत कर आई हैं। यह सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाके में सरकार की पहल के तहत गरीब वर्गों के लोग स्किल्ड हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि प्राइवेट सेक्टर में इन तबकों के लोगों आरक्षण नहीं मिलने से एक तरह से उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा, 'मैं सरकार से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी से जुड़े युवाओं को निजी क्षेत्र में आरक्षण देने का आग्रह करती हूं।'
गौर हो कि एनडीए की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान ने कई बार एससी, एसटी और ओबीसी के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग कर चुके हैं। उन्होंने सवर्णों को आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण बिल का समर्थन किया था। प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण पर पासवान की मांग का समर्थन कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और बीजेपी नेता बीरेंद्र सिंह ने भी किया था।
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