नई दिल्ली : एआईएमआईएम पार्टी के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सिटीजनशिप बिल की प्रति लोकसभा में ये कहकर सबके सामने फाड़ दी, कि यह बिल देश का बंटवारा करता है। इस बिल पर विरोध जताते हुए ओवैसी ने कहा कि ये बिल देश को गैर-मुस्लिम राष्ट्र बनाने का षड़यंत्र है, साथ ही ये देश के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करेगा।
बिल की प्रति फाड़ते हुए ओवैसी ने कहा कि वे महात्मा गांधी के कदमों पर चल रहे हैं, जिन्होंने साउथ अफ्रीका में एशियाई लोगों को जारी किए गए सर्टिफिकेट का विरोध कर किया था। उन्होंने कहा कि आपको पता है कि महात्मा, महात्मा कैसे बने थे? उन्होंने साउथ अफ्रीका में नेशनल रजिस्टर कार्ड को फाड़ दिया था। चूंकि महात्मा गांधी ने उस दस्तावेज को फाड़ दिया था मैं आज इस दस्तावेज को फाड़ता हूं जो देश का विभाजन करने की बात करता है।
सरकार इस सिटीजन बिल और एनआरसी बिल के जरिए गैर-मुस्लिम देश बनाने की षड़यंत्र है। मैं इस बिल का विरोध करता हूं क्योंकि ये संविधान के खिलाफ है और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करता है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार से सवालिया लहजे में कहा कि इस बिल के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के कितने मुस्लिम अल्पसंख्यकों को सिटीजनशिप दी जाएगी।
ये बिल इसलिए लाया गया है क्योंकि देश का एक और बंटवारा हो सके। ये हिटलर के कानून से भी बदतर है। हालांकि ओवैसी के इन आरोपों को खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ये किसी भी धार्मिक संगठन के लोगों के खिलाफ नहीं है। इस बिल के तहत लाखों करोड़ों बेघर शरणार्थियों को भारतीयता का अधिकार मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार
असदुद्दीन ओवैसी के इन बयानों का पलटवार केंद्रीय कानून मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने किया। इसका कड़ा विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह संसद का अपमान है। इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्होंने जो किया है वो सदन का अपमान है।
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