नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर पर जारी चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की जनता को भरोसा दिया कि एक बार स्थिति सामान्य हो जाने पर राज्य का दर्जा फिर से बहाल किया जाएगा। गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश करने के दौरान यह बात कही। यह पुनर्गठन विधेयक जम्मू-कश्मीर को दो संघ शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव करता है। राज्यसभा में पुनर्गठन विधेयक पारित हो गया है। इस विधेयक के पक्ष में 125 वोट और इसके खिलाफ 61 वोट पड़े।
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा, 'कई सांसदों ने पूछा है कि जम्मू-कश्मीर कब तक संघ शासित प्रदेश रहेगा। मैं लोगों को भरोसा देना चाहता हूं कि एक बार स्थिति सामान्य होने और सही समय आने पर हम जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर से राज्य बनाने के लिए तैयार हैं। इसमें थोड़ा बहुत समय लग सकता है लेकिन जम्मू-कश्मीर एक दिन फिर से राज्य बनेगा।' शाह ने जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के सरकार के फैसले का बचाव भी किया।
शाह ने अनुच्छदे 370 को खत्म करने के वजहों को गिनाते हुए कहा कि इस अनुच्छेद के चलते इस राज्य में विकास नहीं हो पाया। इसने राज्य में भ्रष्टाचार और आतंकवाद को बढ़ावा दिया। गृह मंत्री ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद उनकी सरकार पांच सालों के भीतर इसे सर्वाधिक विकसित क्षेत्र बनाएगी।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के 'तीन परिवारों' पर निशाना साधते हुए कहा कहा कि ये परिवार इस राज्य में अपना एकाधिकार बनाकर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'इन परिवारों को जानने वाला ही इस राज्य में कारोबार कर सकता है। इन परिवारों के बच्चे विदेशों में पढ़ाई करते हैं। क्या कश्मीर के अन्य लोगों को यह लाभ नहीं मिलना चाहिए? क्या किसी ने इनके बच्चों को जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में पढ़ते देखा है।'
गृह मंत्री ने कहा, 'अनुच्छेद 370 ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों का बहुत नुकसान किया है। क्या होगा यदि अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर दिया जाए? जब 1947 में देश का बंटवारा हुआ तो बहुत सारे लोग पाकिस्तान से भारत में आए। कुछ लोग पंजाब, कुछ गुजरात और कुछ लोग जम्मू-कश्मीर गए। जो लोग जम्मू-कश्मीर गए उन्हें आज तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र ठीक से पनप नहीं पाई।'
अमित शाह ने कहा, 'आप संसद में खड़े होकर कहते हैं कि कश्मीर में हिंसा का दौर शुरू हो जाएगा। आप लोग घाटी के लोगों को यहां से कौन सा संदेश दे रहे हैं? आप चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोग आज भई 18वीं सदी में रहें। जो लोग कश्मीरी युवकों को उकसा रहे हैं उनके बच्चे लंदन और अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं।'
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