नई दिल्ली : 13 दिसंबर यानि 17 साल पहले आज ही के दिन भारत के लोकतंत्र का मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला किया था। 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन को इसी प्रकार से चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान ही आतंकियों ने अपने मंसूबों को अंजाम दिया था। पूरा देश इस अप्रत्याशित आतंकी हमले से थर्रा उठा था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस हमले में शहीद हुए जवानों को ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा कि एक महान देश अपने उन बहादुर व साहसी जवानों की शहादत को सलाम करता है जिन्होंने 2001 में संसद को इसपर हुए आतंकी हमले से बचाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
हम आज भी आतंकवाद को देश और दुनिया से खत्म करने के अपने विचार पर प्रतिबद्ध हैं। प्रेसीडेंट कोविंद के अलावा अन्य कई नेताओं ने भी उन शहीदों की याद में श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य नेता मंत्रियों के साथ संसद हमले में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी ट्वीट करते हुए उन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि नया भारत हमेशा इन बहादुर जवानों के निस्वार्थ देशप्रेम का कर्जदार रहेगा।
लोकसभा सांसद मनोज तिवारी ने लिखा कि भारत माता के उन सपूतों को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि जिन्होंने लोकतंत्र के मंदिर की मान-सम्मान और रक्षा के लिए अपने प्राणों की न्योछावर कर दिया।
आपको बता दें कि 13 दिसंबर 2001 को हथियारों से लैस पांच लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी संसद भवन के परिसर में घुस आए थे और खुलेआम बमबारी और गोलीबारी से तबाही मचा दी थी।
इस हमले में कई सुरक्षा बल और एक नागरिक सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी। ये वारदात संसद सत्र के स्थगित होने के करीब 40 मिनट के बाद हुई थी। इस दौरान संसद में करीब 100 सदस्य मौजूद थे।
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