एक्सप्लेनर्स

क्या है IRCTC घोटाला? जिसमें सवालों के घेरे में है लालू परिवार, चुनाव से पहले कोर्ट का फैसला क्यों है चिंता की बात

कोर्ट ने अपने आदेश में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपराधिक कदाचार, धोखेबाजी करने की साजिश रचने और राबड़ी एवं तेजस्वी के खिलाफ फर्जीवाड़े एवं धोखेबाजी की साजिश रचने के आरोप तय किए। आईआरसीटीसी करप्शन मामले में अदालत का यह फैसला ऐसे समय आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा है और तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन एनडीए को चुनौती देने की तैयारी में है।

lalu family

आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू परिवार के खिलाफ आरोपपत्र दायर। तस्वीर-PTI

What is IRCTC Scam : आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू, राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए। आरोप तय होने के बाद तीनों के खिलाफ मुकदमा चलने का रास्ता साफ हो गया। हालांकि, सीबीआई के आरोपों से तीनों ने इंकार किया। आरोप तय करते समय कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया यह भ्रष्टाचार का मामला बनता है। क्योंकि रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव के फैसले से सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने कहा कि 'आप साजिश में शामिल हुए और अपने पद का दुरुपयोग किया।'

कोर्ट ने अपने आदेश में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपराधिक कदाचार, धोखेबाजी करने की साजिश रचने और राबड़ी एवं तेजस्वी के खिलाफ फर्जीवाड़े एवं धोखेबाजी की साजिश रचने के आरोप तय किए। आईआरसीटीसी करप्शन मामले में अदालत का यह फैसला ऐसे समय आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव हो रहा है और तेजस्वी की अगुवाई में महागठबंधन एनडीए को चुनौती देने की तैयारी में है। चुनाव से पहले राजद नेताओं के खिलाफ मुकदमा शुरू होने से उन्हें बैकफुट पर आना पड़ सकता है। जाहिर है कि भाजपा इस मामले को बिहार चुनाव में जोर-शोर से उठाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार को लेकर राजद पर हमले और तेज करेगी।

क्या है IRCTC का भ्रष्टाचार मामला?

सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में, इनके संचालन, रखरखाव और देखभाल के लिए, बिहार के पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया। आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक रहे वी के अस्थाना और आर के गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर तथा विनय कोचर के भी नाम हैं। डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी कंपनियों के रूप में नामित किया गया है।

जुलाई 2017 में लालू यादव के खिलाफ दर्ज हुई FIR

इस मामले में सीबीआई ने सात जुलाई 2017 को लालू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मामले की जांच में एजेंसी ने लालू और उनके परिवार से जुड़े लोगों के पटना, नई दिल्ली, रांची और गुड़गांव में छापे भी मारे। मामले में सीबीआई ने एक मार्च 2025 को लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता एवं अन्य के खिलाफ लगे आरोपों पर अपनी दलीलें पूरी कीं। इसके बाद अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलें दो दिनों तक सुनने के बाद 29 मई को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। सीबीआई की ओर से पेश अभियोजन पक्ष के वकील स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह एवं अधिवक्ता मनु मिश्रा ने कोर्ट से कहा कि आईआसीटीसी होटल रखरखाव की निविदाएं एक प्राइवेट कंपनी को देने में भ्रष्टाचार और साजिश हुई।

lalu yadav
मुश्किल में लालू यादव परिवार। तस्वीर-PTI

सबूत अपर्याप्त, केस से रिहाई हो-लालू यादव

सीबीआई ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। वहीं, लालू यादव की तरफ से कहा गया कि उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के पर्याप्त सबूत मौजूद नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस केस से रिहा किया जाए। लालू यादव के वकील मनिंदर सिंह ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल की तरफ से कोई अनियमितता नहीं बरती गई। होटल के ठेके निष्पक्ष तरीके से आवंटित किए गए। इसलिए लालू यादव के खिलाफ आरोपपत्र दायर करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। इसलिए उन्हें सभी आरोपों से बरी किया जाना चाहिए। आदेश के मुताबिक पीओसी एक्ट की 13(2) को सेक्शन 131 (डी) के साथ पढ़ने पर अधिकतम सजा 10 साल की हो सकती है। दोषी पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

tejashwi yadav
आईआरसीटीसी घोटाले में आरोप तय।

कोर्ट के फैसले के बाद तेजस्वी ने क्या कहा...

कोर्ट के आदेश के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 'जब तक दंगाई एवं संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है बीजेपी से लड़ते रहेंगे। तूफानों से लड़ने में मजा ही कुछ और है। हमने संघर्ष पथ चुना है। संघर्ष पथ पर चलते-चलते अच्छे मुसाफ़िर बन निश्चित ही मंजिल प्राप्त करेंगे।' उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि एक महीना पहले बिहार आकर गृहमंत्री अमित शाह जी हमें धमकी दे रहे थे कि हमको चुनाव लड़ने लायक नहीं छोड़ेंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम बिहारी है बिहारी, बाहरी से नहीं डरते।

तेजस्वी को हो सकता है राजनीतिक नुकसान

आईआरसीटीसी घोटाले में आरोपपत्र दायर होने के बाद तेजस्वी यादव के लिए कानूनी और राजनीतिक मूसीबतें दोनों बढ़ेंगी। इसका असर बिहार विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है। तेजस्वी यादव महागठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा हैं। विपक्ष का पूरा चुनाव अभियान उन्हीं के ईर्द-गिर्द रहने वाला है। वह सीएम पद के लिए महागठबंधन की तरफ से चेहरा भी घोषित होने वाले हैं लेकिन अब कांग्रेस जो पहले ही सीएम चेहरे पर खुलकर नहीं बोल रही थी, वह अपने पैर पीछे खींच सकती है। अदालत का यह फैसला तेजस्वी की छवि पर एक दाग लगाने वाला है। भाजपा पहले ही लालू के 'जंगलराज' को लेकर चुनाव में राजद पर हमला बोलते आई है। अब उसे एक 'नया हथियार' मिल गया है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

आलोक कुमार राव
आलोक कुमार राव Author

आलोक कुमार राव न्यूज डेस्क में कार्यरत हैं। यूपी के कुशीनगर से आने वाले आलोक का पत्रकारिता में करीब 19 साल का अनुभव है। समाचार पत्र, न्यूज एजेंसी, टेल... और देखें

End of Article