भारत-यूके मिसाइल डील
भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 600 मिलियन पाउंड (लगभग ₹6,500 करोड़) से अधिक मूल्य की रक्षा साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं। यह हाल के वर्षों में सबसे बड़ा द्विपक्षीय रक्षा समझौतों में से एक है। इस सौदे के तहत भारतीय सेना को एडवांस एयर डिफेंस मिसाइलों की आपूर्ति के लिए 350 मिलियन पाउंड का ऐतिहासिक अनुबंध हुआ है। इसमें भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रिक प्रोपल्सन सिस्टम विकसित करने के लिए 250 मिलियन पाउंड की साझेदारी शामिल है। लेकिन समझौते का सबसे अहम हिस्सा है भारत को मिलने वाली घातक मिसाइलें। क्या है मार्टलेट्स मिसाइल डील, कहां से मिला इसे ये नाम और दोनों देशों को इस डील से क्या-क्या फायदे होंगे, विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान भारत और यूके के बीच अहम रक्षा समझौते भी हुए। इसके तहत भारत को ब्रिटेन से घातक मार्टलेट्स मिसाइल ( Martlets Missile) मिलेंगी। भारत और ब्रिटेन ने 35 करोड़ पाउंड यानी 46.8 करोड़ डॉलर के रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता भारत की वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत की भावना के अनुरूप भारतीय रक्षा मंत्रालय की मौजूदा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करेगा। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस मिसाइल डील से उत्तरी आयरलैंड में 700 से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अनुबंध के तहत भारतीय सेना को बेलफास्ट में बनी ब्रिटेन निर्मित हल्की बहुउद्देशीय मिसाइलें (LMM) की आपूर्ति की जाएंगी। इसके अलावा, नई दिल्ली और लंदन ने नौसैनिक जहाजों के लिए विद्युत-चालित इंजनों पर सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल या एलएमएम, जिन्हें मार्टलेट्स के नाम से भी जाना जाता है, बेलफास्ट स्थित रक्षा ठेकेदार थेल्स एयर डिफेंस द्वारा विकसित की गई है। यह हल्की हवा से सतह, हवा से हवा, सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें हैं। मिसाइलों का नाम पौराणिक मार्टलेट नामक पक्षी के नाम पर रखा गया है, जो कभी आराम नहीं करता है। खास बता है कि यूक्रेन को भी इसी मिसाइल की आपूर्ति हो रही है। स्टारबर्स्ट सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से विकसित ये एलएमएम मुख्य रूप से एयर डिफेंस के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्हें ड्रोन और बख्तरबंद वाहनों सहित विभिन्न सैन्य प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रिटेन मार्च में हुए एक अलग समझौते के तहत यूक्रेन को भी इस मिसाइल की आपूर्ति कर रहा है।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अनुबंध के तहत बेलफास्ट में बनी ब्रिटेन निर्मित हल्की बहुउद्देशीय मिसाइलें (LMM) भारतीय सेना को दी जाएंगी, जो ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ा बूस्ट है। ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस मिसाइल आपूर्ति से उत्तरी आयरलैंड में सीधे तौर पर 700 से अधिक नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है, जो इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड के साथ ब्रिटेन के चार घटक देशों में से एक है। यानी जहां भारत को इस मिसाइल डील से दुश्मनों पर बढ़त मिलेगी, वहीं यूके में इससे बड़ा रोजगार पैदा होगा। यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापक जटिल हथियार साझेदारी का रास्ता साफ कर सकता है, जिस पर फिलहाल बातचीत चल रही है। ब्रिटिश रक्षा सचिव जॉन हीली ने कहा कि आज घोषित रक्षा सौदे दर्शाते हैं कि भारत के साथ हमारी बढ़ती रणनीतिक साझेदारी ब्रिटेन के व्यापार और रोजगार को कैसे बढ़ावा देगी। मुझे उम्मीद है कि इससे हमारे दोनों रक्षा उद्योगों के बीच, खासकर नौसैनिक जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक इंजन के विकास और वायु रक्षा के क्षेत्र में और भी गहरे संबंधों का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हम भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को और गहरा करेंगे, हम ब्रिटेन के रक्षा उद्योग को विकास के इंजन के रूप में इस्तेमाल करेंगे, जिससे उत्तरी आयरलैंड और पूरे ब्रिटेन में महत्वपूर्ण रोजगार सुनिश्चित होंगे।
हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (LMM) बहुमुखी, सटीक-निर्देशित हथियार हैं जिन्हें कई तरह के प्लेटफार्म पर लचीलेपन के लिए डिजाइन किया गया है। इन एडवांस प्रणालियों को अलग अलग तरह के सैन्य प्लेटफार्म पर तैनात किया जा सकता है। इससे भारतीय सेना को आधुनिक हवाई खतरों के खिलाफ बेहतर एयर डिफेंस क्षमताएं मिलेंगी। हालांकि, भारत के पास पहले से ब्रह्मोस, नाग, पिनाका सहित कई एक से बढ़कर एक मिसाइलें हैं, लेकिन नई मार्टलेट्स मिसाइलें भारत की एयर डिफेंस की ताकत में और इजाफा करेगी।
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