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'ये 7 काम करूंगा या गद्दी छोड़ दूंगा...', वोट कटवा नहीं, खुद को गेम चेंजर मान रहे प्रशांत किशोर; क्या है जन सुराज की प्लानिंग?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। 6 और 11 नवंबर को चुनाव होना है। वहीं, 11 नवंबर को मतगणना होगी। राज्य में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है। हालांकि, राज्य में एक तीसरा फ्रंट भी है, जिसकी अगुआई जन सुराज सुप्रीमो प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कर रहे हैं। प्रशांत किशोर को उम्मीद है कि इस बार बिहार की जनता उन्हें सत्ता की चाबी देगी।

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जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव।(फोटो सोर्स: टाइम्स नाउ डिजिटल)

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 6 और 11 नवंबर को बिहार की जनता एक नई सरकार का चुनाव करेगी। फैसला 14 नवंबर को आएगा। पटना में सियासी दल सीटों के दांव पेच सुलझाने में जुटे हैं।

राज्य में पिछले 35 सालों से राज्य में लालू और नीतीश की सरकार है। भले ही बिहार में NDA (राजद) और इंडिया महागठबंधन की सीधी लड़ाई है, लेकिन चुनावी अखाड़े में प्रशांत किशोर ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।

देश को दिग्गज नेताओं को कभी पॉलीटिक्ल स्ट्रैटिजी समझाने वाले प्रशांत किशोर बिहार की 'राजनीतिक चक्रव्यूह' में अकेले खड़े हैं। उन्होंने 'एकला चलो रे' की नीति के साथ बिहार को बदलने की कसम खाई है।

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जन सुराज पार्टी सुप्रीमो ने एकला चले रे की अपनी रणनीति।(फोटो सोर्स: jansuraj party x handle)

सभी सीटों पर लड़ेगी जन सुराज पार्टी

बिहार में एकमात्र जन सुराज पार्टी ही है जो सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा करने जा रही है। उन्होने दू-टूक कहा है कि उनका गठबंधन सिर्फ बिहार की जनता से है।

पिछले दो वर्षों में करीब 4500 से अधिक अधिक ग्राम सभाएं और हजारों युवाओं से बातचीत करने वाले प्रशांत किशोर का कहना है कि 11 नवंबर के बाद या तो वो अर्श पर होंगे या फर्श पर।

न तो वो जाति आधारित राजनीति कर रहे हैं और न ही वो अपने साभाओं में धर्म का जिक्र करते हैं। उनका जोर शासन और नीति पर है। 665 दिनों की पदयात्रा के दौरान उन्होंने 2,697 गांवों, 1,319 पंचायतों और 235 प्रखंडों में जाकर जनती के दुख-दर्द को सुना।

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जन सुराज पार्टी सुप्रीमो प्रशांत किशोर की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: PTI)

PK की स्पेशल थ्योरी

सवाल ये है कि जिस बिहार को लेकर मशहूर कहावत है कि यहां जाति कभी नहीं जाती, उस राज्य की जनता से प्रशांत किशोर इतनी उम्मीदें क्यों लगाए बैठे हैं? दरअसल, इसके पीछे प्रशांत किशोर की अपनी स्पेशल थ्योरी है।

प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि उनकी पार्टी चुनाव में 28 फीसदी वोट हासिल करेगी। यह वैसे वोटर होंगे जिन्होंने पिछले चुनावों ना तो एनडीए को वोट दिया और ना ही महागठबंधन को। प्रशांति किशोर को उम्मीद है कि राज्य की 28 प्रतिशत जनता एक नया विकल्प चाहती है।

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प्रशांति किशोर की पार्टी जन सुराज 243 सीटों पर लड़ेगी चुनाव।(फोटो सोर्स: PTI)

अब ये जानना जरूरी है कि प्रशांति किशोर ने बिहार की जनता को क्या-क्या वादे किए हैं। टाइम्स नाउ से बातचीत करते हुए जनसुराज के मुखिया ने वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो एक महीने के भीतर ये 7 बड़े काम किए जाएंगे। अगर ये सात काम पूरे नहीं हुए तो वो सरकार से इस्तीफा दे देंगे।

पहला काम- बिहार से फर्जी शराबबंदी कानून को हटा दिया जाएगा। पीके ने दावा किया कि शराबबंदी की वजह से बिहार को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है।

दूसरा काम- बिहार में 60 वर्ष से अधिक की महिला पुरुष, दिव्यांगों और विधवाओं को 2000 हजार रुपये प्रति महीने पेंशन दिए जाएंगे।

तीसरा काम- सरकार बनते ही सात दिनों के अंदर Relief and rehabilitation यानी राहत और पुनर्वास की योजना चलाई जाएगी।

इस योजना के अंतर्गत जो लोग राज्य से पलायन कर गए हैं, उन्हें फिर से राज्य बुलाकर नौकरी दी जाएगी। आने वाले साल भर में 50 लाख लोग, जो रोजगार के लिए राज्य से पलायन कर चुके हैं उन्होंने वापस बिहार बुलाकर रोजगार दिया जाएगा।

चौथा काम- जिस गांव में सरकार विधालय की स्थिति खराब है, वहां गरीबों लोगों को ये सुविधा दी जाएगी कि जब तक राज्य की सरकार स्कूल की व्यवस्था ठीक नहीं हो जाती तब तक आप अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजिए, बच्चों की फीस सरकार भरेगी।

पांचवां काम- जो किसान खाने वाली खेत से कमाने वाली खेती की ओर बढ़ेंगे यानी धान, गेहूं, बाजरे की खेत छोड़कर कैश क्रॉप (नकदी फसल) की खेती में जाएंगे उनके मनरेगा के तहत मजदूर मुफ्त किए जाएंगे।

छठा काम- बिहार के जो लोग राज्य में व्यापार करना चाहते हैं उन्हें सरकार 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन देगी।

सातवां काम- राज्य के 100 सबसे भ्रष्ट नेता और अधिकारी की लिस्ट बना दी गई है। सरकार बनते ही स्पेशल कोर्ट बनाई जाएगी, जहां इनके और इनके परिवार पर बिहार से लूटा पैसा है उसे जब्त किया जाएगा।

चुनाव में मिली शिकस्त तो क्या करेंगे?

पीके ने ऐलान कर दिया है कि वो भी चुनावी मैदान में उतरेंगे और विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। चुनाव से पहले पीके ने ये भी बताया है कि अगर उनकी पार्टी चुनाव में परास्त हो जाती है तो वो क्या करेंगे।

मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा,"जनता सिर्फ सरकार के लिए वोट नहीं करती है। जनता ये भी तय करती है कौन सरकार में रहेगा, कौन विपक्ष में और कौन सड़क पर। मैं समझता हूं कि या तो जनता हमें सरकार में भेजेगी या सड़क पर। हम उसके लिए बिलकुल तैयार हैं। अगर जनता हमें सड़क पर भेजती है तो विपक्ष में रहने से अच्छा है मैं पांच साल फिर सड़क पर रहूंगा। जितनी मेहनत अभी कर रहे हैं उससे दोगुनी मेहनत और करेंगे। मान लेते हैं 10-20 विधायक जीते। मैं उन्हें कह दूंगा जिसे जिस पार्टी में जाना है जाए, मुझे फिर से शुरू करने दो। मैं फर्श पर ही रहूंगा।"

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प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले बिहारवासियों से सात वादे किए।(फोटो सोर्स: ANI)

तेजस्वी से लेकर सम्राट चौधरी तक, PK के निशाने पर सभी नेता

चाहे बिहार में इंडिया गठबंधन के मुख्य नेता तेजस्वी यादव हों या फिर एनडीए के मुख्य चेहरे नीतीश कुमार या सम्राट चौधरी, प्रशांत किशोर ने दोनों दलों के नातओं को आड़े हाथों लेने मे कोई कोताही नहीं बरती है। चुनावी साभाओं और इंटरव्यू में उन्होंने तेजस्वी यादव को 9वीं फेल बताकर उन्हें आड़े हाथों लेते आए हैं।

पीके का कहना है,"कई बार सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों के चलते पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाता, लेकिन जिस व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं उनके माता-पिता दोनों यहां मुख्यमंत्री थे। न तो वो क्रिकेट में सफल हो पाए और न ही वो पढ़ाई कर सके।

वहीं, उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस को राजद की बी टीम कहा है। पीके का कहना है कि लालू यादव जीतनी सीटे 'अनुकंपा' पर कांग्रेस को देंगे उतनी ही सीटों पर राहुल गांधी की पार्टी चुनाव लड़ेगी।

दूसरी ओर प्रशांत किशोर बार-बार नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र का हवाला देते हैं। उन्होंने कहा है कि अब नीतीश कुमार अपनी राजनीति के अंतिम दौर में हैं। बाकी चीजों को छोड़ भी दें तो शारीरिक और मानसिक तौर पर नीतीश इस समय अपने पुराने समय के दसवें हिस्से के बराबर भी नहीं हैं।

इसके अलावा वो सम्राट चौधरी जैसे नेताओं को सीधे 'क्रीमनिल' कहकर संबोधित करते हैं। यानी पीके की गणित बिल्कुल साफ है कि जब तक बिहार में उनकी सरकार नहीं बनती तब तक बिहार का विकास नहीं हो सकता।

जनसुराज पार्टी के सुप्रीमो कई बार मीडिया से यह कह चुके हैं किनवंबर में जब आप आएंगे तो इस कालखंड के सबसे अप्रत्याशित नतीजे बता रहे होंगे। जिस बिहार के लोग अनपढ़-बेवकूफ समझते हैं। जिसे जातियों में बंटा हुआ समाज मानते हैं। बिहार के लोगों को बिहारी कहकर गाली देते हैं। वही बिहार एक नई व्यवस्था परिवर्तन का आगाज कर रहा है।'

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Piyush Kumar
Piyush Kumar Author

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