Chhattisgarh Public Service Commission Topper Hitesh Success Story: कहते हैं गर हौसले बुलंद हो तो मंजिल भी क्या चीज है। ये स्टोरी है दिन दिहाड़ी मज़दूरी करने वाली उस मां की जिसका बेटा आज बन गया है छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में दिव्यांग कोटे से टॉपर। हितेश संघर्ष की बेमिसाल दास्तां के प्रतीक हैं। नज़र से कमजोर लेकिन इरादों से बेहद मजबूत। हितेश जो 12 सेंटीमीटर से दूर की चीजें नहीं देख पाते। उनके पिता गांव में नाई का काम करते और मां ईट के भट्टे पर।
मां की असामयिक मौत के बाद हितेश की लगन और मेहनत को देख छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई छोड़ होटल में काम किया और आइसक्रीम बेची। हितेश की मदद के लिए दो शिक्षकों भी आगे आए और हर तरह की मदद मुहैया कराई। मेहनत रंग लाई और तमाम मुश्किलों के बावजूद हितेश छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में दिव्यांग कोटे से रैंक 1 हासिल करने में सफल रहे। हितेश के चेहरे पर कामयाबी की चमक साफ दिखते हैं और इस इंटरव्यू में उन्होंने अपनी सफलता से जुड़ी चीजों के बारे में बताया है।