MCD उपचुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए खतरे की आहट ? किसके लिए क्या है संदेश

एमसीडी उपचुनाव में चार सीटों पर आप तो एक सीट पर कांग्रेस कब्जा करने में कामयाब रही है। अगले साल होने वाले पूर्ण चुनाव से पहले इन नतीजों का क्या मतलब है उसे समझना जरूरी है।

MCD उपचुनाव के नतीजे क्या बीजेपी के लिए खतरे की आहट, किसके लिए क्या है संदेश
एमसीडी उपचुनाव के नतीजों में आप-4, कांग्रेस-1, बीजेपी-0 
मुख्य बातें
  • एमसीडी उपचुनाव नतीजे में आप को 4, कांग्रेस को एक और बीजेपी को शून्य सीटें
  • कुल पांच वार्ड पर हुए थे उपचुनाव
  • चौहान बांगर में कांग्रेस की जीत के कई संदेश

नई दिल्ली। अगर कहा जाए आम आदमी पार्टी के सितारे बुलंद हैं तो कुछ गलत ना होगा। आप ने जिस तरह से गुजरात नगर निगम और नगर निकायों के चुनाव में जीत दर्ज की है उसके बाद उसकी नजरें एमसीडी उपचुनाव के नतीजे पर टिकी थी। जब पांचों वार्ड के नतीजे सामने आए तो आप ने चार वार्ड पर कब्जा कर लिया था और बीजेपी को यह संदेश दे दिया कि 2022 में जब सभी नगर निगमों के चुनाव होंगे तो उन्हें हल्के में मत लेना। इस चुनावी जीत के मायने आप, बीजेपी और कांग्रेस के लिए क्या होंगे उसके बारे में विस्तार से बताएंगे। लेकिन इसले पहले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खास ट्वीट किया।

दिल्ली नगर निगम उपचुनाव जीत को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खास बताया और कहा कि अब हमें अगले मोर्चे को फतह करने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इस जीत से साफ है कि दिल्ली की जनता नकारात्मक राजनीति को नकार रही है। इसके अलावा उन्होंने उत्साह बढ़ाने वाली कई बड़ी बातें कहीं। लेकिन जिस तरह चौहान बांगर में कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई है वो आप के लिए भी कुछ संदेश देती है। 

क्या कहते हैं जानकार

आम आदमी पार्टी के संदर्भ में
सबसे पहले हम बात करेंगे कि आप की जीत पर जानकारों का क्या कहना है। जानकार कहते हैं कि इस जीत से एक बात तो साफ है कि आम आदमी पार्टी यह संदेश देने की कोशिश करेगी निगमों में सत्ता ना होने के बावजूद वो बेहतर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर 2022 में जनता ने निगमों में आप को सत्ता दी तो उसका असर और बेहतर होगा। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की लोकलुभावन नीतियों को भी फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। 

बीजेपी के लिए क्या है मायने
एमसीडी उपचुनाव के नतीजे यकीनन आम आदमी पार्टी के लिए खुश करने वाले हैं तो बीजेपी के लिए खतरे की आहट। बीजेपी पिछले 10 वर्षों से निगम पर काबिज है। लेकिन उपचुनाव के नतीजों से जनता के मूड को समझा जा सकता है। उपचुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि बीजेपी के लिए पीएम मोदी का नाम हर वक्त ट्रंप कार्ड नहीं हो सकता है। इसके साथ ही बीजेपी बार बार यह शिकायत नहीं कर सकती है कि उसके पास फंड की कमी है। ऐसी सूरत में बीजेपी के लिए 2022 आसान नहीं रहने वाला है।

कांग्रेस की जीत भी खास
आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बाद अब बात कांग्रेस की। चौहान बांगर में कांग्रेस की जीत कई मायनों में खास है। पहली बात तो यह है कि कांग्रेस के उम्मीदवार ने 10 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। यह सीट मुस्लिम बहुल है। जीत के इस अंतर से साफ है कि मुस्लिम मतदाताओं ने एकतरफा कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया है। अगर कांग्रेस इस ट्रेंड को बरकरार रखने में कामयाब रही तो निश्चित तौर पर आम आदमी पार्टी के सामने मुश्किल आ सकती है। 

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