नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में स्थित चार मंजिला एक इमारत की अवैध फैक्ट्री में रविवार सुबह लगी आग इतनी भयंकर थी कि इसमें 43 लोगों की मौत हो गई, कई अन्य घायल है। दिल्ली पुलिस ने इस अग्निकांड में बिल्डिंग के मालिक रेहान और उसके मैनेजर फरकान को गिरफ्तार किया है। पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई क्योंकि इमारत की दूसरी मंजिल पर सुबह लगभग पांच बजे जब आग लगनी शुरू हुई तो लोग सो रहे थे।
'इंडिया टुडे-आज तक' की खबर के अनुसार, जब आग लगी थी तब फैक्ट्री में फंसे एक शख्स ने अपने दोस्त को फोन किया था। उसने अपने दोस्त से कहा कि मैं मर रहा हूं, मेरे बच्चों को ध्यान रखना।
34 साल के मोहम्मद मुशर्रफ ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर में अपने दोस्त मोनू अग्रवाल को आखिरी कॉल किया। मुशर्रफ अपने दोस्त मोनू को कॉल कर कहता है, 'भइया, आज नहीं बचना। भागने का कोई रास्ता नहीं है, आग लग गई है। खत्म हो जाऊंगा आज भइया मैं। मेरे घर का ध्यान रखना। सांस भी नहीं लिया जा रहा है। मोनू भइया मेरे घर का मेरे बच्चों का ध्यान रखना। जैसे भी हो बच्चों के बड़े होने तक, जैसे तैसे भी करेंगे।'
दिल्ली सरकार ने इस अग्निकांड की मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। ये दिल्ली में 1997 में उपहार सिनेमाघर में लगी आग के बाद सबसे भीषण आग है। उपहार अग्निकांड में 59 लोगों की मौत हो गई थी।
इमारत में आग लगने के बाद दमकलकर्मियों में से एक राजेश शुक्ला साइट पर सबसे पहले पहुंचे। उन्हें लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसे 72 घंटे तक निगरानी में रखा जाएगा। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल में शुक्ला से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, 'दमकलकर्मी राजेश शुक्ला असली हीरो हैं। वह आग वाली जगह घुसने वाले पहले दमकलकर्मियों में शामिल थे और 11 लोगों की जान बचाई। हड्डी में चोट के बावजूद उन्होंने अंत तक अपना काम किया। इस हीरो की बहादुरी को सलाम।'
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