हैदराबाद। youth lost in forest making a tik tok video टिक-टॉक ऐप देशभर में लोकप्रिय है। इस ऐप की वजह से अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन टिक-टॉक की धुन लोगों के सिर पर इस कदर सवार है कि उन्हें अपनी जान की भी परवाह नहीं रहती।
अब एक बार फिर डिग्री का एक स्टूडेंट टिक-टॉक वीडियो बनाने के चक्कर में जंगल में खू गया और उसे व्हाट्सएप की मदद से जंगल से जीवित लाया गया। ये आश्यर्यजनक घटना आंध्र प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ी के शेशाचालम जंगल की है। युवक की पहचान चित्तूर जिले के कालकाडा ब्लॉक के तीसरे वर्ष के छात्र मुरली के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, मुरली रविवार दोपहर चंद्रगिरी इलाके में जंगल में घुसा। मुरली जंगल की सबसे ऊंची पहाड़ी पर जाकर तिरंगे के साथ टिक-टॉक वीडियो बनाना चाहता था। उसने तिरंगा के साथ टिक-टॉक वीडियो तो बना ली, लेकिन वो जंगल में अपना रास्ता भूल गया। बहुत देर के प्रयास के बाद भी मुरली जंगल में रास्ता ढूंढने में नाकामियाब रहा। थोड़ी देर बाद उसे आइडिया आया उसने व्हाट्सएप के जरिए अपने दोस्त को अपनी लोकेशन भेजी।
उसके दोस्त ने इस घटना की सूचना उसके घर वालों की दी। जिसके बाद उन्होंने पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने लड़के को ढूंढने के लिए एक टीम का गठन किया और उसकी लोकेशन के आधार पर उसे ढूंढ निकाला। पुलिस को वो लड़का सोमवार को करीब 3 बजे बेहोशी हालत में मिला।
पुलिस ने मुरली को पास के अस्पताल में भर्ती कराया जिसके बाद वो होश में आगया। शेशाचालम वन जंगली तेंदुओं का घर माना जाता है। इससे पहले भी जंगली जानवर जंगलों से निकलकर सड़कों पर भी आ चुके है, और कई श्रद्धालुओं पर हमला भी कर चुके है। मोबाइल एप टिक टॉक दिन पर दिन लोगों के लिए बेहद खतरनाक होता जा रहा है। इस एप के आने के बाद आम लोगों की जिंदगी की कीमत इतनी सस्ती हो गई है कि आए दिन इसकी वजह से लोगों के मौत की खबरें सामने आती रहती है।
इससे पहले बिहार के हाजीपुर में टिक टॉक वीडियो ने एक और शख्स की जान ले ली थी। हाजीपुर में तेज रफ्तार से आने वाली ट्रेन के सामने टिक टॉक वीडियो बना रहे एक युवक की जान चली गई। वीडियो बनाने में वह युवक इतना व्यस्त हो गया था कि उसे पता ही नहीं चला कि सामने से ट्रेन आ रही है। जब तक वह संभलता इससे पहले ही ट्रेन ने उसे अपने चपेट में ले लिया था।