भोपाल: भीड़ द्वारा लोगों पर हमला करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें इस बार भीड़ ने नेताओं को अपना शिकार बना लिया। स्थानीय पुलिस के मुताबिक, मध्य प्रदेश के एक गांव में तीन स्थानीय कांग्रेस नेताओं को भीड़ द्वारा पीटा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ को इस बात का संदेह था कि तीनों नेता बच्चा चोरी करने वाले समूह में शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने कांग्रेसी नेताओं पर हमला करने के आरोप में भीड़ में शामिल लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है।
राजमार्ग पर दिखा बैरिकेड
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मू सिंह लांजीवार और ललित भास्कर एक कार में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान उन्हें मध्य प्रदेश के बैतूल में नवांस गांव के पास रात में एक बैरिकेड दिखा। उन्हें लगा कि ये बैरिकेड राजमार्ग पर लोगों को लूटने के इरादे से लूटरों ने लगाया होगा। इस शक के आधार पर उन्होंने अपनी कार मोड़ लिया, लेकिन वह भागने में सफल नहीं हो पाए।
कार को किया क्षतिग्रस्त
ग्रामीणों ने कांग्रेसी नेताओं की कार की पीछा कर लिया और उन्हें पकड़ लिया। इसके बाद उन्होंने उनकी कार को घेर लिया और क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में सभी को कार से बाहर निकाला गया और गुस्साई भीड़ ने उन पर हमला कर दिया।
पुलिस को दी सूचना
स्थिति कांग्रेसी नेताओं के लिए और भयावह हो सकती थी, लेकिन उनमें से एक नेता ने फोन कर शाहपुर कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष को सूचना दे दी। इसके बाद, ब्लाक अध्यक्ष ने घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी। जैसी ही ग्रामीणों को पता चला की पुलिस को घटना की जानकारी हो गई है, वह सब तुरंत मौके से भाग गए। पुलिस ने तीनों कांग्रेसी नेताओं पर हमला करने वाली भीड़ पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सोशल मी़डिया पर उड़ी है अफवाह
पुलिस ने कहा कि व्हाट्सएप सहित सोशल मीडिया नेटवर्क पर एक बच्चे के अपहरण गिरोह के बारे में अफवाहों ने राज्य भर के कई हिस्सों में ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। जानकारी के मुताबिक, विदिशा जैसे क्षेत्रों में ग्रामीणों ने गांव की सीमाओं की रखवाली के लिए रात्रि दल बनाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सागर में स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति करीब 20 प्रतिशत कम हो गई है। यहां पर बच्चा चोरी करने के संदेह पर एक भिखारी को 100 लोगों की भीड़ ने लगभग अधमरा कर दिया था। खबरों की मानें तो, कई गांवों से इस तरह के हमलों की सूचना मिल रही है, जहां पर पीड़ितों को बाल अपहर्ता होने के संदेह में पीटा गया है।
लोग बच्चा चोरी के डर से बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है और किसी भी व्यक्ति को संदेह के आधार पर पकड़ लिया जा रहा है। प्रभावित जिलों के शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई अपील के बावजूद भी भीड़ द्वारा हो रहे हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बैतूल, सागर, इंदौर, भोपाल, होशंगाबाद, सीहोर, नीमच और देवास से जैसे क्षेत्रों से इस तरह के कई मामले सामने आए हैं।