इस गेंदबाज के अंदर था इतना लोहा, एयरपोर्ट पर मेटल डिटेक्टर से निकले तो सायरन बजने लगा

Cricket Throwback 6 May: क्रिकेट इतिहास में आज का दिन उस खिलाड़ी के जन्मदिन के रूप में भी जाना जाता है जिसको 'आयरन मैन' भी कहकर पुकारा जाता था। वजह बेहद दिलचस्प और हैरान करने वाली थी। ऐसे थे नील फॉस्टर।

Neil Foster
नील फॉस्टर  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • नील फॉस्टर का जन्मदिन - 6 मई
  • क्रिकेट जगत का 'आयरन मैन'
  • एक शानदार गेंदबाज जिसने चोटों से संघर्ष के बीच कमाया नाम

क्रिकेट जगत में कई खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्होंने सिर्फ अपने खेल से नहीं बल्कि कई अन्य चीजों की वजह से भी सुर्खियां बटोरीं। ऐसे ही एक खिलाड़ी थे इंग्लैंड के नील फॉस्टर। एक शानदार गेंदबाज जिसका जन्म आज (6 मई) के दिन हुआ था। इस खिलाड़ी ने अपने करियर में गेंदबाजी में तो विरोधी बल्लेबाजों के पसीने छुड़ाए लेकिन खुद भी करियर के दौरान इतना चोटिल हुए कि इसी से जुड़ा एक किस्सा बेहद चर्चित हो गया।

नील फॉस्टर का जन्म 6 मई 1962 को इंग्लैंड की एसेक्स काउंटी के कॉलचेस्टर में हुआ था। वो आज पूरे 59 साल के हो गए हैं। फॉस्टर का 6 फीट 4 इंच कद उनकी गेंदबाजी को और घातक बनाता था। 'फॉज़ी' के नाम से मशहूर ये गेंदबाज अपने क्रिकेट करियर के दौरान इंग्लैंड क्रिकेट टीम के अलावा एसेक्स क्रिकेट क्लब, नॉरफ्लॉक और ट्रांसवाल के लिए भी खेला।

इतनी चोटें लगीं कि, इसीलिए हो गए मशहूर

करियर के दौरान कुछ खिलाड़ियों का चोटों से लंबा नाता रहता है। नील फॉस्टर भी ऐसे ही एक खिलाड़ी थे, जिनको अपने करियर में एक या दो बार नहीं बल्कि नौ बार घुटने का ऑपरेशन कराना पड़ा था। उन्हें इतनी बार चोट लगी और सर्जरी करके शरीर में इतनी 'मेटल प्लेट' डाली गईं कि एक बार तो जब वो मेटल डिटेक्टर के अंदर से निकले तो सायरन बज पड़ा था। बाद में पता चला कि उनके पास कोई ऐसी चीज नहीं थी बल्कि उनके शरीर में मौजूद लोहे की प्लेट का असर था वो।

करियर में इन दोनों को आउट करने वाले एकमात्र गेंदबाज

किसी भी गेंदबाज के लिए खास लम्हे वो होते हैं जब वो दिग्गज बल्लेबाजों को आउट करें। नील फॉस्टर उन गेंदबाजों में रहे जिन्होंने दिग्गज बल्लेबाजों को जमकर अपना निशाना बनाया। वो एकमात्र ऐसे क्रिकेटर रहे जिन्होंने वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विव रिचर्ड्स और पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद, दोनों को 0 पर आउट किया।

कुछ यादगार मैच

चेन्नई में भारत के खिलाफ खेलते हुए 1984-85 में नील फॉस्टर ने 11 विकेट लेकर अकेले दम पर मैच इंग्लैंड के पक्ष में किया था। इसके अलावा 1988 में शानदार वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ ओवल में मिली यादगार जीत के हीरो भी फॉस्टर ही रहे थे। बाद में उनकी चोटों ने खेल पर गहरा प्रभाव डालना शुरू कर दिया था इसलिए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स में 1993 में टेस्ट मैच के बाद संन्यास का ऐलान कर दिया था।

नील फॉस्टर के आंकड़े

वो 1980 से 1995 के बीच शीर्ष स्तर पर क्रिकेट खेलते रहे थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वो काफी दिन तक लिस्ट-ए क्रिकेट भी खेलते रहे थे और 1995 में उन्होंने अपना अंतिम लिस्ट-ए मैच खेला। फॉस्टर ने 29 टेस्ट मैचों में 88 विकेट लिए, 48 वनडे मैचों में 59 विकेट झटके। इसके अलावा प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के 230 मैचों में 908 विकेट लिए और 215 लिस्ट-ए मैचों में 292 विकेट हासिल किए थे। 

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