भारत की सबसे लंबी नदियां (फोटो: Canva)
Longest Rivers in India: भारत को नदियों का देश कहा जाता है क्योंकि यहां छोटी-बड़ी असंख्य नदियां बहती हैं, जो देश के जीवन, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की धड़कन हैं। ये नदियां न केवल जल का स्रोत हैं, बल्कि कृषि, ऊर्जा उत्पादन, पेयजल, परिवहन और उद्योगों के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। भारत में बहने वाली नदियों को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है, एक- हिमालयी नदियां और दूसरा- प्रायद्वीपीय नदियां। हिमालयी नदियां, जैसे गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र, बर्फ और ग्लेशियरों से पोषित होती हैं। इन नदियों में पूरे वर्ष जल प्रवाह बना रहता है और ये उत्तरी भारत की उपजाऊ भूमि को सींचती हैं। इसके विपरीत, प्रायद्वीपीय नदियां, जैसे गोदावरी, कृष्णा, कावेरी और नर्मदा, वर्षा पर निर्भर रहती हैं और दक्षिण भारत के पठारी इलाकों से होकर बहती हैं। अधिकांश भारतीय नदियां पूर्व दिशा में बहती हैं और अंत में बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती हैं। इन नदियों द्वारा बनाए गए डेल्टा क्षेत्र अत्यंत उपजाऊ और कृषि के लिए अनुकूल होते हैं। हालांकि, कुछ नदियां ऐसी भी हैं जो पश्चिम दिशा में बहती हैं और अरब सागर में गिरती हैं। दुनिया की सबसे लंबी नदी नील नदी है, जो अफ्रीका में बहती है। ऐसे में आज हम आपको भारत की सबसे लंबी नदियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
सिंधु नदी एशिया की प्राचीन और विशाल नदियों में से एक है। इसका उद्गम तिब्बत में मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत श्रृंखला के उत्तरी ढलानों से होता है। यह नदी भारत के लद्दाख क्षेत्र से होकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है और अंततः अरब सागर में गिरती है। इसकी प्रमुख बाईं सहायक नदियां झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज हैं, जबकि दाहिनी ओर से श्योक, गिलगिट, काबुल और कुनार जैसी नदियां इसमें मिलती हैं। सिंधु नदी भारतीय सभ्यता की जन्मभूमि मानी जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम हिमालय की कैलाश पर्वतमाला से होता है, जहां इसे “सांगपो” नाम से जाना जाता है। यह तिब्बत से निकलकर अरुणाचल प्रदेश और असम से गुजरती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। इसकी प्रमुख बाईं सहायक नदियों में दिबांग, लोहित और धनसिरी शामिल हैं, जबकि दाहिनी ओर से मानस, तीस्ता, रैदक और सुबनसिरी नदियां इसमें आकर मिलती हैं। यह नदी अपने विशाल जलप्रवाह और बाढ़ प्रवृत्ति के लिए प्रसिद्ध है।
गंगा भारत की सबसे पवित्र और जीवनदायिनी नदी मानी जाती है। इसका उद्गम उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से होता है, जहां इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है। गंगा की बाईं सहायक नदियों में घाघरा, गंडक, कोशी और महानंदा प्रमुख हैं, जबकि दाहिनी ओर से यमुना, सोन और पुनपुन जैसी नदियां इसमें मिलती हैं। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है और अंततः बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
गोदावरी, जिसे "दक्षिण गंगा" कहा जाता है, महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबक के पास से निकलती है। यह नदी महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा से होकर बहती है। इसकी बाईं सहायक नदियों में बाणगंगा, पूर्णा, प्राणहिता और इंद्रावती शामिल हैं, जबकि दाहिनी ओर से प्रवरा, मंजीरा और मनैर नदियां इसमें मिलती हैं। यह अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरकर अपना जल यात्रा पूर्ण करती है।
कृष्णा नदी का उद्गम पश्चिमी घाट की महाबलेश्वर पर्वतमाला के निकट लगभग 1337 मीटर की ऊंचाई से होता है। यह महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी बाईं सहायक नदियों में भीमा, मुसी और मुनेरु हैं, जबकि दाहिनी ओर से कोयना, घाटप्रभा, मालाप्रभा और तुंगभद्रा इसमें मिलती हैं। यह दक्षिण भारत की एक प्रमुख सिंचाई नदी है।
यमुना नदी का स्रोत उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री ग्लेशियर है। यह गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना की बाईं सहायक नदियों में हिंडन, शारदा और हनुमान गंगा शामिल हैं, जबकि दाहिनी ओर से चंबल, बेतवा, केन, सिंध और टोंस नदियां इसमें आकर मिलती हैं। यह दिल्ली, आगरा और प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण शहरों से होकर बहती है।
नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अमरकंटक के पास से निकलती है और पश्चिम की ओर बहती हुई अरब सागर में गिरती है। इसे “मध्य भारत की जीवनरेखा” कहा जाता है। इसकी बाईं सहायक नदियों में बुरहनेर, शेर, तवा और गंजाल हैं, जबकि दाहिनी ओर से हीरण, कोलार, मान और ओरसंग जैसी नदियां इसमें मिलती हैं। यह भारत की कुछ नदियों में से एक है जो पश्चिम दिशा में बहती हैं।
महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में होता है। यह नदी ओडिशा राज्य से गुजरते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी बाईं सहायक नदियों में शिवनाथ, मंड, इब और हसदेव प्रमुख हैं, जबकि दाहिनी ओर से ओंग, पैरी, जोंक और तेलेन नदियां इसमें मिलती हैं। महानदी सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
कावेरी दक्षिण भारत की प्रमुख नदी है, जिसका उद्गम कर्नाटक के कूर्ग जिले के तलकावेरी में ब्रह्मगिरी पर्वत श्रृंखला से होता है। यह कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से गुजरती हुई ग्रैंड एनीकट के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है। बाईं ओर से हरंगी, हेमवती, शिमशा और अर्कावती नदियां इसमें मिलती हैं, जबकि दाहिनी ओर से काबिनी, भवानी और अमरावती इसका विस्तार बढ़ाती हैं।
तापी नदी का उद्गम मध्य भारत की सतपुड़ा पर्वतमाला से होता है। यह महाराष्ट्र और गुजरात से होकर बहती हुई खंभात की खाड़ी में अरब सागर में मिलती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में पूर्णा, गिरना, गोमई, पंजारा और वाघुर शामिल हैं। तापी भारत की कुछ चुनिंदा नदियों में से है जो पश्चिम दिशा में बहती हैं।
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