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प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का उत्साह बरकरार; श्रद्धालुओं ने रचा केदारनाथ में नया रिकॉर्ड

मानसून और प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद चारधाम यात्रा फिर से रफ्तार पकड़ चुकी है। बुधवार तक केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 56 हजार से अधिक पहुंच गई। राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम और मार्गों पर सतर्कता बढ़ा दी है।

Kedarnath Sees Over lakhs of Devotees (Symbolic Photo: Canva)

केदारनाथ में लाखों से अधिक श्रद्धालु पहुंचे (प्रतीकात्मक फोटो: Canva)

Char Dham Yatra 2025: मानसून में हुई बारिश और विभिन्न आपदाओं के कारण धीमी पड़ी चारधाम यात्रा अब फिर गति पकड़ने लगी है। बुधवार तक केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड बना दिया, जो 16 लाख 56 हजार से अधिक हो गई है। हालांकि उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश जारी है, फिर भी तीर्थयात्रियों का उत्साह कम नहीं हुआ है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को केदारनाथ धाम में 5,614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसके साथ ही इस साल अब तक बाबा केदार के धाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 16,56,539 हो गई है। साल 2024 में पूरे यात्राकाल में केदारनाथ पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या 16,52,076 थी। इस वर्ष केदारनाथ के कपाट 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर बंद होंगे, और अभी इसके लिए 14 दिन शेष हैं। इसी तरह, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

प्राकृतिक घटनाओं से चारधाम यात्रा हुई प्रभावित

प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं के उत्साह को ध्यान में रखते हुए यात्रा को सुरक्षित बनाने के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्गों पर जवान तैनात किए गए हैं और भूस्खलन के संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है, ताकि यातायात लंबे समय तक बाधित न हो। इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। मानसून के दौरान अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण चारधाम यात्रा काफी प्रभावित हुई थी।

प्रशासन की श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह

प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया, और यात्रा मार्ग तहस-नहस होने के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा भी बाधित हो गई थी। हालांकि, राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से मार्गों को पुनः बहाल किया, जिससे आम जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हुआ। बारिश और बर्फबारी के पूर्वानुमान को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की लगातार सलाह दी है। उन्हें आगाह किया जा रहा है कि खराब मौसम में यात्रा न करें और यदि मार्ग में फंस जाएं तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

आवश्यक व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। उन्होंने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाओं पर पूरा ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह भी कहा है कि सभी अधिकारी अलर्ट मोड में रहें और आपात स्थिति में तुरंत राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।

(इनपुट - भाषा)

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 Nilesh Dwivedi
Nilesh Dwivedi Author

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