आज ही के दिन हुआ था वो Bomb Blast, जिससे एक नया शब्द'हिंदू आतंकवाद' सामने आया; जानें पूरी कहानी
हिंदू आतंकवाद, ये वो शब्द है, जिसने देश के करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया। आज ही के दिन यानी 29 सितंबर 2008 को ही मालेगांव में धमाका हुआ था, जिसे हिंदुओं से जोड़ दिया गया। इस धमाके में 9 लोगों की मौत हुई थी। इसी दिन गुजरात के मोडासा में भी धमाका हुआ, जिसमें 1 व्यक्ति मारा गया था।
साल 2008 का मालेगांव धमाका
आज भले ही आपको देश के अलग-अलग शहरों में बम-धमाकों की आवाज न आती हो। आज भले ही बम-ब्लास्ट की खबरें न मिलती हों, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब बम धमाके आम हो गए थे। कभी देश की राजधानी दिल्ली में तो कभी गुलाबी शहर जयपुर, कभी आर्थिक राजधानी मुंबई तो कभी अहमदाबाद और कभी अगरतला। देश के अलग-अलग शहरों में आतंकी घटनाएं होती रहती थीं। इसी बीच एक ऐसा धमाका भी हुआ, जिसके बाद एक नया शब्द सामने आया। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता कहने वाले लोगों ने उस धमाके के साथ 'हिंदू आतंकवाद' का नया शब्द गढ़ दिया। चलिए जानते हैं आज उसी बम धमाके के बारे में।
2008 का वो दौर
साल 2008 में जयपुर में सीरियल ब्लास्ट हुए, जिसमें 63 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद बैंगलौर, अहमदाबाद, दिल्ली में धमाके हुए। आज ही के दिन यानी 29 सितंबर को गुजरात पुलिस ने अहमदाबाद को दहलाने की आतंकवादियों की साजिश को नाकाम किया और 17 बम बरामद कर उन्हें डिफ्यूज कर दिया। हालांकि, इस दौरान अहमदाबाद में एक बाजार में उस समय बम फट गया, जब रमजान के बाद श्रद्धालु अपना रोजा तोड़ रहे थे। इस धमाके में 1 व्यक्ति की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए। दिल्ली से सटे फरीदाबाद एक मंदिर में भी बम रखा मिला, जिसे समय पर डिफ्यूज कर दिया गया था। फरीदाबाद का बम बिल्कुल वैसा ही था, जैसा 2 दिन पहले यानी 27 सितंबर 2008 को दिल्ली के महरौली में हुए धमाके में इस्तेमाल हुए थे। 29 सितंबर 2008 को गुजरात के मोडासा के सुक्का बाजार में धमाका हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।आतंकी हमले की तारीख | आतंकी हमले की डिटेल |
1 जनवरी 2008 | उत्तर प्रदेश के रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी हमला। |
13 मई 2008 | जयपुर के 6 अलग-अलग इलाकों में 9 बम धमाके हुए, इसमें 71 लोगों की मौत हुई। |
25 जुलाई 2008 | बैंगलोर में 8 कम इंटेंसिटी के धमाके हुए, जिसमें 1 व्यक्ति मारा गया। |
26 जुलाई 2008 | गुजरात के अहमदाबाद में एक के बाद एक 17 बम धमाके हुए, इनमें 56 लोगों की मृत्यु हुई। |
13 सितंबर 2008 | दिल्ली के अलग-अलग बाजारों में हुए पांच बम धामाकों में 33 लोगों की मौत हुई। |
27 सितंबर 2008 | दिल्ली में महरौली के फ्लावर मार्केट में दो धमाके हुए, जिसमें 3 लोगों की मृत्यु हुई। |
29 सितंबर 2008 | मालेगांव और मोडासा में हुए बम धमाकों में कुल 10 लोगों की मौत हुई। |
1 अक्टूबर 2008 | अगरतला में हुए धमाकों में चार लोग मारे गए। |
21 अक्टूबर 2008 | इंफाल में धमाके हुए और 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। |
30 अक्टूबर 2008 | असम के अलग-अलग इलाकों में हुए धमाकों में 81 लोगों की जान चली गई। |
26 नवंबर 2008 | मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों ने होटल ताज सहित कई इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया। रेलवे स्टेशन और सड़कों पर खून की नदियां बहा दीं। 27 से 29 नवंबर तक चले इस आतंकी हमले के दौरान 9 आतंकवादियों सहित 171 लोगों की जान गई। |
इस धमाके से गढ़ा नया शब्द
जी हां, आपने सही समझा, मालेगांव धमाके की ही बात कर रहे हैं। आज ही के दिन यानी 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम धमाका हुआ। इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी IED से हुए इन धमाके में 9 लोगों की मौत हुई। IED को मोटरसाइकिल में फिट किया या था। मालेगांव में हुआ यह धमाका भीखू चौक पर एक होटल के पास हुआ। कथित तौर पर बम को वहां मौजूद एक हीरो-होंडा मोटरसाइकिल में फिट गया था। इस धमाके के बाद घटनास्थल पर करीब 20 हजार लोग इकट्ठा हो गए। इसे देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने किसी साम्प्रदायिक दंगे की आशंका के चलते वहां RPF को लगा दिया। वहां मौजूद भीड़ के साथ छोटी-मोटी झड़प के बाद पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया। मोडासा में हुए धमाके के बाद गुजरात सरकार ने भी उस समय नवरात्रि के दौरान चल रहे गरबा उत्सव में भी भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिए।और शुरू हुई जांच
मुंबई पुलिस ने मालेगांव धमाके की जांच कर रही स्थानीय एजेंसी की मदद के लिए ATS (Anti Terrorism Squad) को लगाया। पुलिस ने पाया कि मालेगांव में भी वैसे ही देसी बम से धमाके हुए, जैसे बम से 27 सितंबर को दिल्ली में दो धमाके हुए थे। मालेगांव धमाकों की जांच एटीएस चीफ हेमंत करकरे स्वयं कर रहे थे। हालांकि, बाद में 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गोली से वह शहीद हो गए।मालेगांव धमाकों की जांच में कथित तौर पर हिंदू संगठनों के शामिल होने की बात सामने आई। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, शिव नारायण गोपाल सिंह कलसांघ्रा श्याम भवरलाल साहू था। महाराष्ट्र् के उस समय के ATS चीफ हेमंत करकरे पहले ही कह चुके थे कि इन धमाकों के पीछे हिंदू संगठनों का नाम है। नासिक CJM ने जब इन तीनों को पुलिस हिरासत में भेजा तो जैसे करकरे के बयान पर मुहर लग गई। इसके बाद ऐसे लोग भी हिंदू आतंकवाद की बात कहने लगे, जो इससे पहले 'इस्लामिक आतंकवाद' शब्द का विरोध करते थे और कहते थे कि आतंकवाद को धर्म के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
जांच के दौरान ABVP का नाम भी सामने आया। हालांकि, ABVP का नाम आधिकारिक तौर पर की नहीं लिया गया और इस विद्यार्थी संगठन ने भी मामले की सही तरीके से जांच की मांग की। बाद में श्री राम सेना (SRS) नाम के एक हिंदू संगठन ने तीनों गिरफ्तार आरोपियों को कानूनी मदद दी। SRS ने आरोप लगाया कि तीनों आरोपियों को राजनीतिक लोग बलि का बकरा बना रहे हैं। बाद में दो अन्य संदिग्ध और सेना में रह चुके लोगों से पुणे में पूछताछ की गई। फिर भोपाल से समीर कुलकर्णी और इंदौर से संग्राम सिंह सिंह की गिरफ्तारी के थ कुल 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह दोनों राष्ट्रीय जागरण मंच और अभिनव भारत से जुड़े थे।
ये भी पढ़ें - गंगा नहीं ये है भारत और एशिया की सबसे साफ नदी
ATS पर गंभीर आरोप
जांच आगे बढ़ती रही और इस दौरान आरोपियों को जेल में रहे। बाद में इस पूरे मामले की जांच NIA को दे दी गई। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर साल 2017 में जेल से बाहर आईं और 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। साल 2021 में मालेगांव धमाका मामले में एक चश्मदीद ने आरोप लगाया कि साल 2008 में उन्हें महाराष्ट्र ATS ने गलत तरीके से सात दिन तक हिरासत में रखा। उन्होंने आरोप लगाया कि उन पर RSS से जुड़े पांच लोगों का नाम लेना का दबाव बनाया गया, उनमें से एक योगी आदित्यनाथ भी थे, जो आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। शहर (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
Digpal Singh author
खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
End of Article
संबंधित खबरें
Delhi: कालकाजी मंदिर में मची भगदड़, बिजली का झटका लगने से एक की मौत
Patna: स्कूल के प्रिंसिपल ने तीसरी क्लास की छात्रा के साथ की छेड़छाड़, FIR दर्ज; हिरासत में आरोपी
Greater Noida: UPSC नहीं निकला, तो फर्जी IAS-IPS बनी जोया; पुलिस ने किया भंडाफोड़
Delhi Pollution: क्या दिल्ली में इस बार प्रदूषण पर होगा कंट्रोल? सरकार ने की ये व्यवस्था
आज का मौसम, 03 October 2024 Highlight: राजस्थान में नहीं थम रहा बारिश का दौर, यूपी, दिल्ली में नवरात्र के पहले दिन उमस कर रही बेहाल
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited