AIDS के मरीजों के साथ खिलवाड़, 150 आइस लाइनर रेफ्रिजरेटर धूल फांक रहे

एड्स जानलेवा बीमारी है और यह देर-सबेर मरीज की जान लेकर ही मानती है। अधिकारियों की लापरवाही भी ऐसी ही बीमारी है, जो मरीज को मौत के मुहाने तक पहुंचा सकती है। जयपुर में अधिकारियों की एक ऐसी ही लापरवाही सामने आई है।

HIV Aids

जानलेवा बनती अधिकारियों की लापरवाही

ये तो सभी जानते हैं कि एड्स एक जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी का कोई इलाज अभी तक मौजूद नहीं है। दवाओं के जरिए मृत्यु को कुछ दिन टाला जा सकता है, लेकिन यह बीमारी आखिरकार जान लेकर ही मानती है। एड्स मरीजों की दवाओं व जांच किट को सही तापमान में रखना बहुत ही जरूरी है। लेकिन राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अधिकारी ही इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं।

अधिकारियों की लापरवाही के चलते दो करोड़ रुपये के आइस लाइनर रेफ्रिजरेटर (ILR) मरीजों की सेवा में लगने की बजाय धूल फांक रहे हैं। मरीजों की दवाओं व जांच किट को सही तापमान में रखने के लिए 150 ILR खरीदे गए थे। यह रेफ्रिजरेटर सीकर रोड पर मौजूद तेजदीप रोड लाइंस और सोसाइटी के स्टोर में यूं ही धूल खा रहे हैं।

जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर और सीकर सहित राज्य के सभी इंटीग्रेटिड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (ICTC) पर आइस लाइनर रेफ्रिजरेटर भेजे जाने थे। इस परियोजना के तत्कालीन निदेशन ने अनुबंध के बावजूद भी सेंटरों पर ILR भेजे ही नहीं गए। इतने दिनों से धूल में पड़े-पड़े यह ILR अब कबाड़ हो चुके हैं।

राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने ICTC सेंटरों के लिए 150 ILR तो खरीद लिए, लेकिन रखने की जगह न होने के कारण तत्कालीन प्रोक्योरमेंट वाइस प्रेसिडेंट ने इन्हें ट्रांसपोर्ट के यहां रखवाया था। ILR के बारे में साधारण भाषा में बात करें तो यह एक तरह के रेफ्रिजरेटर होते हैं, जिनका तापमान 2 डिग्री सेल्सियस होता है। 8 घंटे तक बिजली न होने पर भी दवाएं व किट्स इनमें सुरक्षित रहते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | जयपुर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited