पीपीएफ बनाम म्यूचुअल फंड
निवेश पर हमेशा मोटा रिटर्न लंबी अवधि में ही मिलता है, क्योंकि कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) काम करता है। इसलिए बहुत सारे निवेशक लंबी अवधि का लक्ष्य बनाकर निवेश करते हैं। शायद, इसलिए निवेशकों के बीच पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और Mutual Fund में SIP काफी पॉपुलर है। हालांकि, कई निवेशकों के मन में यह सवाल भी रहता है कि लंबी अवधि में कहां निवेश करना फायदेमंद होगा? अगर आप भी उन निवेशकों में शामिल हैं जो 15 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं लेकिन तय नहीं कर पा रहे हैं कि पीपीएफ या सिप में कौन बेहतर विकल्प होगा तो परेशान होने की जरूरत नहीं। हम आपको इसका जवाब दे रहे हैं।
पीपीएफ एक सरकार समर्थित निवेश विकल्प है, जो गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है। वर्तमान ब्याज दर 7.1% है, जो टैक्स फ्री है। पीपीएफ में सालाना 1.50 लाख रुपये के निवश पर इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। निवेश पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है। यह पीपीएफ को एक बेस्ट निवेश विकल्प बनाता है।
लॉक-इन अवधि: पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है, जो इसे एक दीर्घकालिक निवेश बनाती है। हालांकि, 7 साल के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है।
स्थिरता और सुरक्षा: पीपीएफ उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो उच्च रिटर्न पर स्थिरता पसंद करते हैं। यह आपके पैसे के लिए एक सुरक्षित ठिकाना है, खासकर शेयर बाजार की अस्थिरता के दौरान।
अधिक रिटर्न: अगर आप SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो आपको 15 साल में पीपीएफ की तुलना में अधिक रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण जोखिम होता है।
निवेश पर जोखिम: म्यूचुअल फंड अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता है क्योंकि यह बाजार की अस्थिरता के अधीन हैं।
रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो: अगर आपके पास जोखिम लेने की क्षमता है, तो पीपीएफ से इक्विटी म्यूचुअल फंड में शिफ्ट हो सकते हैं।
अगर आप निवेश पर जोखिम ले सकते हैं तो सिप के जरिये म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें आपको पीपीएफ के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, इकसी कोई गारंटी नहीं है। वहीं, अगर आप अपने निवेश पर बिल्कुल जोखिम लेना नहीं चाहते हैं और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए पीपीएफ एक बेस्ट विकल्प होगा।
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