नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंडराते संकट और गिरती जीडीपी ग्रोथ के बीच मोदी सरकार देश का आम बजट लेकर आ रही है। हाल में ही विश्व बैंक ने देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। ऐसे में बजट तैयार करने वाली टीम पर काफी बढ़ी जिम्मेदारी है। आइए मिलते हैं, बजट 2020 तैयार करने वाली टीम से।
अपने पहले आर्थिक सर्वे में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने 8 फीसदी ग्रोथ और 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने का 'आसमानी आइडिया' पेश किया। उन्होंने अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर लुइगी जिंगालेस और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के नेतृत्व में फाइनेंशियल इकोनोमिक्स में पीएचडी की है। अर्थव्सवस्था में सुस्ती में मद्देनजर सुब्रमण्यम की सलाह काफी अहम मानी जा रही है।
राजीव कुमार का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को विलय में बड़ा योगदान रहा है। वह झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और वित्तीय सुस्ती की स्थिती में उनकी भूमिका काफी अहम हो जाती है। जैसे-जैसे सरकार पर खर्च करने का दबाव बढ़ता जा रहा है,उन्हें राजकोषीय घाटा पर नजर रखनी होगी।
व्यक्तिगत इनकम टैक्स में कटौती की बढ़ी उम्मीद और राजस्व में धीमी वृद्धि को ध्यान में रखते हुए अजय भूषण पांडेय के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है। हालांकि कॉर्पोरेट टैक्स दर में दी गई राहत के बाद भी वह डायरेक्ट टैक्स में बदलाव कर सकते हैं। आधार को घर घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा चुके अजय भूषण पांडेय पर टेक्नोलॉजी की मदद से अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने की भी जिम्मेदारी होगी।
1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी ने विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने में सरकार को काफी मदद दी थी। बजट में उनके सहयोग को काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इस बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है।
विश्व बैंक में कार्य कर चुके टीवी सोमनाथ ने पीएमओ में बतौर ज्वाइंट सेक्रेटरी सेवा दी है। उन्होंने सरकार के खर्च को ध्यान रखने जैसा महत्वपूर्ण कार्य किया है, क्योंकि ज्यादातर मंत्रायल अतिरिक्त फंड की मांग करते हैं। सोमनाथ ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। सोमनाथ 1987 बैंच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
बीपीसीएल और एयर इंडिया के निजीकरण योजना के कारण तुहीन कांत पांडे के विभाग पर सभी की नजर होगी। उन्होंने अक्टूबर में डीआईपीएएम के सचिव का पदभार संभाला है। 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहीन कांत पांडे को सरकार के 1.05 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद करनी है।