नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की साल की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक कर रही है। 6 फरवरी को आरबीआई साल की पहली मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। जिसके बाद रेपो रेट 5.15 फीसदी पर स्थिर रहेगा, जबकि रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी पर बना रहेगा।
वहीं मार्जिनल मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट 5.4 फीसदी पर बना रहेगा। एमपीसी में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। आरबीआई ने अपनी पिछली मॉनिटरी पॉलिसी में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। पिछले साल आरबीआई ने लगातार 5 बार रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया था।
रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अर्थव्यवस्था में नरमी बरकरार है, आर्थिक वृद्धि दर संभावित क्षमता से नीचे है। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह फीसदी रह सकती है। मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में सभी 6 सदस्यों ने रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने के पक्ष में वोट दिया।
रिजर्व बैंक ने कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाये रखेगा। शीर्ष बैंक को आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका है, कुल मिलाकर मुद्रास्फीति का परिदृश्य बेहद अनिश्चित।
7 जनवरी 2020 को सरकार की ओर से जारी किए गए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी रखा गया है।आरबीआई की यह मॉनिटरी पॉलिसी साल की पहली होने के साथ साथ बजट के बाद आ रही है, इस वजह से यह मॉनिटरी पॉलिसी खास है। इसके साथ ही यह इस वित्त वर्ष की आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी है।
दिसंबर में सीपीआई फूड इंफ्लेशन (महंगाई) 6.9 फीसदी से बढ़कर 12.2 फीसदी हो गया। इसका प्रमुख कारण अक्टूबर नवंबर में बेमौसम हुई बारिश रही है। हाउसहोल्ड इंफ्लेशन को जनवरी 2020 में आरबीआई ने कम किया है।
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