नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने सरकार द्वारा अंतरिम डिविडेंड की मांग से इनकार किया है। शक्तिकांता दास ने कहा है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपए का डिविडेंड मांगा है। आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरबीआई गवर्नर ने ये बात कही है।
गौरतलब है कि इस संबंध में कई रिपोर्ट्स सामने आई थी जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार राजकोषीय घाटा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस वित्त वर्ष के अंत तक रिजर्व बैंक से करीब 30 हजार करोड़ रुपए का अंतिम लाभांश की मांग कर सकती है। आरबीआई गवर्नर ने इस तरह की किसी भी जानकारी से इनकार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया था कि राजस्व संग्रह में कमी और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के कारण सरकार पर दबाव है। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया था कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में आरबीआई से 25 से 30 हजार करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश मांग सकती है।
गौरतलब है कि सरकार इससे पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतरिम डिविडेंड ले चुकी है। इससे पहले सरकार ने पिछले साल रिजर्व बैंक से 28 हजार करोड़ रुपए का अंतरिम डिविडेंड लिया था। वहीं साल 2017-18 में इसी प्रकार से 10 हजार करोड़ रुपए लिए गए थे।
बता दें कि आरबीआई ने इस साल पांचवी बार रेपो रेट में कटौती की है। इस बार शीर्ष बैंक ने 0.25 फीसदी की कटौती की है। जिसके बाद रेपो रेट 5.15 फीसदी हो गया है।
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