एक खुशहाल, कामयाब और एकदम सही शादीशुदा जिंदगी के लिए कोई श्योर-शॉट रेसिपी नहीं है। हम सभी लोग किसी न किसी तरह से इसे शानदार और सुखद बनाने के लिए शुरू से ही कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन, इतनी मेहनत के बावजूद, कई शादियों का अंत कई कारणों की वजह से तलाक के साथ होता है और इन कारणों में से एक प्रमुख कारण है, पैसा। कई अध्ययनों से पता चला है कि पैसों से जुड़े मामले, असफल या नाकामयाब शादी के सबसे बड़े कारणों में से एक हैं।
सरल शब्दों में, शादी, दो अलग-अलग लोगों के बीच के बंधन और तालमेल पैदा करने से संबंधित है। इनमें से, फाइनेंशियल तालमेल, सबसे जटिल लेकिन एक सद्भावपूर्ण और तनाव मुक्त सम्बन्ध को बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कारकों में से एक है। इसलिए, एक कामयाब और खुशहाल शादीशुदा जिंदगी के लिए, पैसों से जुड़ी कुछ आम गलतियों से दूर रहना जरूरी है जिनके बारे में यहाँ नीचे बताया गया है।
पैसों से जुड़े मामले संवेदनशील होते हैं, लेकिन इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए। एक दूसरे के फाइनेंस को समझने के लिए शादी के बाद पैसों से जुड़ी बातचीत करना बहुत जरूरी होता है। एक अकेले कमाने वाले दम्पति पर भी यही बात लागू होती है। आपको अपने इनकम, लोन, आवश्यक खर्च, निवेश और अन्य फाइनेंशियल कमिटमेंट्स के बारे में ईमानदारी के साथ और खुलकर बात करनी चाहिए।
गोपनीयता सर्वोपरि है लेकिन एक दूसरे को अपने बैंक अकाउंट्स या लोन्स जैसी महत्वपूर्ण बातें न बताने से आपको और आपकी पत्नी को भविष्य में कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इसलिए, एक व्यक्ति की शादीशुदा जिंदगी के शुरूआती दौर में ही पैसों से जुड़ी बातचीत हो जानी चाहिए ताकि दम्पति को एक साथ मिलकर अपने भविष्य की प्लानिंग करने का मौका मिल सके। जबकि एक शादी में ऐसा कोई कठोर और तेज नियम नहीं है लेकिन फिर भी एक व्यक्ति को एक बात साफ़ कर लेनी चाहिए कि रेगुलर इनकम का बंटवारा कैसे किया जाएगा और घर के खर्च और अन्य जरूरी चीजों के पीछे उन्हें कैसे खर्च किया जाएगा।
शादी होते ही आपके जीवन का एक रोमांचक दौर शुरू हो जाता है। हम फिल्म डेट्स, अचानक ट्रिप पे जाना और दोस्तों के साथ पार्टीज करने लगते हैं ताकि हमारी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत खुशनुमा रहे। ऐसा करने में कोई खराबी नहीं है, लेकिन फिर भी हम कभी-कभी अपने बजट के बाहर चले जाते हैं या अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं। इससे मध्यम और लम्बे समय में हमारे फाइनेंशियल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।
इसलिए, अच्छी तरह सोच-समझकर सभी क्रियाकलापों के लिए एक बजट तैयार करना हमेशा बेहतर होता है जिसमें पर्सनल खर्च, निवेश, कर्ज और सैर-सपाटा भी शामिल होना चाहिए। इससे आपको अपने फाइनेंस पर नजर रखने के साथ-साथ जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचने में भी मदद मिलेगी। दूसरी तरफ, आपको जरूरत पड़ने पर खर्च करने में संकोच भी नहीं करना चाहिए। खर्च और जरूरत से ज्यादा खर्च के बीच में बहुत मामूली अंतर होता है और इनमें से किसी का भी उल्लंघन न हो इसके लिए काफी धैर्य की जरूरत पड़ती है।
नए शादीशुदा जोड़े अक्सर एक और गलती करते हैं, वे क्रेडिट इंस्ट्रूमेंट्स पर अपनी निर्भरता को बढ़ाते चले जाते हैं। अपनी चुकाने की क्षमता से ज्यादा उधार लेने पर कर्ज के जाल में फंसने की सम्भावना बढ़ जाती है जिससे बाहर निकलने में काफी लम्बा समय लग सकता है। यदि आप हनीमून पर जाना चाहते हैं या अपने घर के लिए कोई बड़ी खरीदारी करना चाहते हैं तो पहले से इसकी प्लानिंग करके रखने की कोशिश करें या इस तरह से लोन लें कि आपके रेगुलर इनकम पर कोई दबाव न पड़े।
इसके अलावा आप कुछ चीजों में कटौती भी कर सकते हैं या उनके अफोर्डेबल होने तक इंतजार भी कर सकते हैं। क्रेडिट पर अपनी निर्भरता से बचने के लिए, आप दोनों को हर महीने होने वाले खर्च पर आपस में बात करनी होगी और अपने खर्च पर नजर रखनी होगी और साथ में पैसे बचाने के लिए एक कॉमन फाइनेंशियल लक्ष्य भी बनाना होगा।
अपनी पत्नी से अपने कर्ज को छुपाना शायद एक रिश्ते में सबसे बड़ी गलती है। शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत ईमानदारी के साथ करनी चाहिए और आपके जीवनसाथी को आपके मनी मैनेजमेंट के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए। कर्ज हमेशा बुरा नहीं होता है इसलिए इसे एक ऐसे व्यक्ति से नहीं छिपाना चाहिए जिसके साथ आपको अपनी पूरी जिंदगी बितानी है।
कर्ज के बारे में खुलकर बात करने से आपको कर्ज से छुटाकारा पाने के लिए जरूरी रकम जुटाने का तरीका ढूँढने में मदद मिलेगी। आपका जीवनसाथी जल्दी से कर्ज चुकाने में आपकी मदद भी कर सकता/सकती है। अपनी शादीशुदा जिंदगी के शुरूआती दौर में अपने कर्ज से निपटने से, आपके हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे रहेंगे और आप अपने अन्य फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
दम्पतियों के द्वारा अक्सर एक और गलती यह की जाती है कि वे पैसों से जुड़े मामलों में एक दूसरे का सम्मान नहीं करते हैं। पैसों से जुड़ी बातचीत करना और संवेदनशील मामलों जैसे पैसे की आवाजाही पर चर्चा करना अच्छी बात है लेकिन इसे एक दूसरे का सम्मान करते हुए और शांति के साथ करना चाहिए। आपका तर्क आपके जीवनसाथी के लिए अपमानजनक और शर्मनाक नहीं होना चाहिए।
याद रखें कि एक अच्छी बातचीत में, बातचीत के बहाव को सही दिशा में मोड़ने की ताकत होती है। जरूरत से ज्यादा खर्च और अन्य गैर जरूरी खर्च पर चर्चा करें, लेकिन नरमी के साथ और कम से कम बहसबाजी के साथ।
अपनी शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत में ही एक टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज ले लेने से, सिर्फ आपके अपने भविष्य के लिए ही नहीं बल्कि आपके बच्चों के भविष्य के लिए भी एक अच्छी बुनियाद डालने में मदद मिलेगी, यदि आप ऐसी कोई बुनियादी डालने की सोच रहे हैं। इसलिए, जल्द से जल्द इंश्योरेंस पॉलिसियां ले लें ताकि अधेड़-उम्र में पहुँचने से पहले या आपके बच्चों के हायर एजुकेशन की दुनिया में कदम रखने से पहले ही आपके प्रीमियम का पेमेंट हो जाय।
(ये आर्टिकल BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी द्वारा लिखा गया है) (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं।)